एकनाथ शिंदे केंद्रीय मंत्री और बेटा डिप्टी सीएम! महाराष्ट्र में इस फार्मूले पर बन सकती है सरकार

एकनाथ शिंदे केंद्रीय मंत्री और बेटा डिप्टी सीएम! महाराष्ट्र में इस फार्मूले पर बन सकती है सरकार

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की ऐतिहासिक जीत के बाद भी मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस जारी है। सोमवार को देवेंद्र फणडवीस दिल्ली पहुंचे थे। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरु हो गया है। बीते दो दिनों से जितनी मुंह उतनी बातें हो रही है। एकनाथ शिदें के समर्थकों के द्वारा उन्हें एक बार फिर सीएम बनाने की मांग की जा रही है। तो वहीं, भाजपा के कार्यकर्ता फणडवीस का नाम आगे बढ़ा रहे हैं। इसके पीछ सबसे बड़ा कारण BJP की रिकॉर्ड सीटों पर जीत है। BJPने चुनाव में 132 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है, जो विधानसभा में बहुमत से मात्र 13 सीटें कम हैं।   

हालांकि, निर्दलीय चुनाव में जीत कर आने वाले प्रत्याशियों ने देवेंद्र फणडवीस को सीएम बनाने की मांग की है। तो वहीं, NCPअजित गुट की ओर से भी सीएम पद के लिए फणडवीस के नाम को ही आगे बढ़ाया जा रहा है। इस बीच सत्ता की गलियारों में कई तरह ही बातें भी घूम रही हैं। कई तरह की थ्योरी भी बनाया जा रहा है। हालांकि, अभी तक महायुति की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। माना जा रहा है कि अगले 2-3 दिनों में सीएम चेहरे को लेकर तस्वीर साफ हो पाए। बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 132, शिवसेना शिंदे गुट ने 57 और NCP अजित गुट ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है।

एकनाथ शिंदे बनेंगे केंद्रीय मंत्री!

महाराष्ट्र इस वक्त कई तरह की थ्योरी चल रही है। चर्चाओं के अनुसार, एकनाथ शिंदे के सामने एक प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें उन्हें केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री फणडवीस को बनाया जा सकता है। इसके अलावा अजित पवार को भी डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है। दरअसल, इस फार्मूले के तहत कोशिश ये है कि एकनाथ शिंदे का कद भी बढ़ा रहे और महाराष्ट्र में BJP अपना सीएम भी बना ले। गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में एकनाथ शिंदे प्रदेश के बड़े मराठा नेता बनकर उभड़े हैं। और इस विधानसभा चुनाव में मराठाओं ने महायुति को झोली भरकर वोट दिए हैं। ऐसे में भाजपा नहीं चाहेगी कि मराठा में किसी भी प्रकार की नाराजगी आए।

 

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