ओडिशा में द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गांव को पहली बार मिलेगा बिजली कनेक्शन, राज्य सरकार ने अब दिए आदेश

ओडिशा में द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गांव को पहली बार मिलेगा बिजली कनेक्शन, राज्य सरकार ने अब दिए आदेश

नई दिल्लीराष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को आज पूरा देश जानता है। लेकिन दुर्भाग्य है कि सुर्खियां बटोर रहीं द्रौपदी मुर्मू का पैतृक गांव बिजली की रोशनी से कोसों दूर है। ओडिशा सरकार ने रविवार को मयूरभंज जिले में एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गांव उपरबेड़ा के एक हिस्से में विद्युतीकरण का काम शुरू कर दिया।  मीडिया रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद कि गांव में लोग बिजली के बिना रह रहे हैं। हालांकि मुर्मू अब उस गांव में नहीं रहता है। वह एक नगरपालिका शहर रायरंगपुर में स्थानांतरित हो गई है, जो उपरबेड़ा के अपने पैतृक गांव डुंगुरीसाही से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।

राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के दिवंगत भाई भगत चरण के बेटे बिरांची नारायण टुडू समेत गांव में अन्य 20 परिवार कैरोसीन की रोशनी से रात के अंधकार को दूर भगाते हैं। वहीं, स्थानीय लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए 1 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव जाना पड़ता है। गांव में टुडू एक किसान हैं और अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ रहते हैं।द्रौपदी मुर्मू का पैतृक गांव डूंगुरीशाही मयूरभंज जिले के रायरंगपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव के लोगों को बेहद गर्व है, क्योंकि उनके गांव की बेटी को देश के सबसे प्रतिष्ठित पद का उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि, गर्व महसूस करने के बावजूद ग्रामीणों ने नाराजगी भी व्यक्त की है। इसके पीछे की वजह है कि उनके गांव को अभी तक बिजली नहीं मिली है। हालांकि अब ग्रामवासियों को उम्मीद है कि जल्द ही अन्य बस्तियों की तरह उनके गांव में बिजली का कनेक्शन होगा और गलियों में रोशन से जगमगा उठेंगी।

जिले के डूंगुरीशाही की पंचायत समिति सदस्य धनमानी बासकेय ने बताया कि गांव में बिजली नहीं है। गांव के स्थानीय लोगों ने द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से पहले ही जिले के जिलापाल के पास बिजली कनेक्शन को लेकर आवेदन पत्र दिया था। धनमानी ने बताया कि रात में अंधेरे को दूर भागने के लिए केरोसिन का दीया जलाते हैं। साथ ही मोबाइल चार्ज करने के लिए हमें पास के गांव बड़ाशाही में जाना पड़ता है। हालांकि, राज्य सरकार के आदेश पर प्रशासन ने डूंगुरीशाही में बिजली के खंभे लगाने और ट्रांसफार्मर लगाने का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी घरों में बिजली का कनेक्शन होगा।द्रौपदी मुर्मू के छोटे भाई तारनीसेन टूडु ने बताया कि जिले के कुसुम प्रखंड में दो गांव हैं- बड़ाशाही और डूंगुरीशाही. बड़ाशाही डूंगुरीशाही से 1 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। उन्होंने बताया कि बचपन में डूंगुरीशाही केवल 5 परिवारों की एक छोटी बस्ती थी। लेकिन कुछ सालों में इस बस्ती में घरों की संख्या बढ़ गई है। हम सभी बड़ाशाही में बड़े हुए हैं, लेकिन हमारे बड़े भाई भगत चरण का बेटा बिरांची नारायण टुडू अपने परिवार के साथ डूंगुरीशाही में रहता है, जहां बिजली नहीं है।

मीडिया से बातचीत में मयूरभंज जिले के जिलापाल विनीत भारद्वाज ने कहा कि कुसुम प्रखंड पंचायत के डूंगुरीशाही में बिजली का कनेक्शन नहीं है। इस मामले प्रशासनिक रूप से कार्य किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही ग्रामवासियों को बिजली कनेक्शन मिलेगा।खबरों के मुताबिक, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले के कुसुम प्रखंड क्षेत्र में आदिवासी बहुल इलाके के बड़ाशाही तक बिजली पहुंची है। बड़ाशाही से 1 किलोमीटर की दूरी पर 20 घरों के साथ बसा डूंगुरीशाही बिजली कनेक्शन से वंचित रह गया।

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