Laxmi Pujan: हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस साल दिवाली की तारीख को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन बना हुआ है। ज्योतिषियों के अनुसार, दिवाली 31अक्टूबर को मनाई जाएगी, क्योंकि इल दिन अमावस्या है। जबकि कुछ ज्योतिषी विद्वान पंचांग के जरिए दावा करते हुए 01नवंबर को दिवाली मनाने पर जोर दे रहे हैं।
कब होगी लक्ष्मी पूजन?
इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31अक्तूबर को दोपहर 3: 22मिनट से शुरू हो रही है। जिसका समापन 01नवंबर को सायं 5बजकर 23मिनट पर होगा। माता लक्ष्मी अमावस्या तिथि में प्रदोष काल और निशिथ काल में भ्रमण करती हैं इसके कारण माता की पूजा प्रदोष काल और निशीथ काल में करने का विधान होता है।
अब यदि हम कार्तिक अमावस्या की बात करें तो उदया तिथि 01नबंबर को सूर्योदय के बाद 3प्रहर तक रहेगी। यानी 01नबंबर को अमावस्या तिथि में प्रदोष काल भी रहेगा। इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन कर सकते है। जिसका शुभ मुहूर्त 05:36मिनट से लेकर 06:16मिनट तक रहेगा।
दिवाली की पूजन विधि
दिवाली पर पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं। पहले गणेश जी की मूर्ति रखें, फिर उनके दाहिने और लक्ष्मी जी को रखें। इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें। एक मुखी घी का दीपक जलाएं। फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें।
इसके बाद सबसे पहले गणेश और फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करें और शंख ध्वनि करें। घर में दीपक जलाने से पहले थाल में पांच दीपक रखकर फूल आदि अर्पित करें। इसके बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखना शुरू करें। घर के अलावा कुएं के पास और मंदिर में दीपक जलाएं।
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