Delhi Rail Station Stampede: “ये आम घटना नहीं नरसंहार है”, सुप्रीया श्रीनेत ने रेल मंत्री पर किया तीखा प्रहार

Delhi Rail Station Stampede: “ये आम घटना नहीं नरसंहार है”, सुप्रीया श्रीनेत ने रेल मंत्री पर किया तीखा प्रहार

Delhi Rail Station Stampede: शनिवार देर रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के कारण 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल हमलावर हैं। कांग्रेस ने रेल मंत्री से इस्तीफा मांगा है। वहीं, इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत का बड़ा बयान सामने आया है। कांग्रेस नेता ने इस घटना को रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना में मरने वालों की क्या गलती थी?सुप्रीया ने इसे आम घटना नहीं बल्कि नरसंहार बताया है। गौरतलब है कि प्रयागराज जाने के लिए भारी भीड़ शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उमड़ गई थी। अचानक ट्रेन के प्लेटफॉर्मबदलने की सूचना के बाद लोगों के बीच भगदड़ मच गई।

“मौत के आंकड़ें छिपाने में जुटे हुए”

कांग्रेस नेता सुप्रीया श्रीनेत ने कहा, “इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद भी नैरेटिव बनाया गया कि सब कुछ कंट्रोल में है। जब लोग भगदड़ में मर रहे थे तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौत के आंकड़ें छिपाने में जुटे हुए थे।रेल मंत्री की ये बेशर्मी नई नहीं है, यही काम वे बार-बार करते रहे हैं। कोई भी ट्रेन हादसा हो, तो ये उसे 'छोटी घटना' बताते हैं।जब मृतकों के परिवार वाले सच बयां करने लगे, तो कुछ रिपोर्टर्स के फ़ोन ज़ब्त किए जाने लगे, फ़ुटेज डिलीट किए जाने की बात कही गई।यही नहीं, एक महिला रिपोर्टर की ID तक छीनी गई।ऐसी घटना पर संवेदना व्यक्त करने और माफी मांगने के बजाए रेल मंत्री और सरकार मौत के आंकड़ें छिपाने में लग गई- जो कि और वीभत्स है।“

शिवसेना नेता भी भड़कीं

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और भारतीय रेलवे और रेल मंत्री की जिम्मेदारी है, जो घटना की जवाबदेही लेने से इनकार करते हैं। कृपया समझें कि हमारे पास कई रेल दुर्घटनाएं, पटरी से उतरना और भगदड़ हैं, यहां तक ​​कि मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर भी, फिर भी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। हम यात्री किराए में वृद्धि और बुनियादी ट्रेनों में कमी देख रहे हैं, और यात्री मवेशियों की तरह घूम रहे हैं। महाकुंभ आस्था का केंद्र है, और इसका प्रबंधन नहीं है, सरकार कब खुद को जवाबदेह ठहराएगी?"

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