दिल्ली में अब नहीं चलेगी स्कूल प्रशासन की मनमानी, कैबिनेट ने पास किया स्कूल फीस एक्ट

दिल्ली में अब नहीं चलेगी स्कूल प्रशासन की मनमानी, कैबिनेट ने पास किया स्कूल फीस एक्ट

Delhi School Fees Act: दिल्ली सरकार ने स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस बढाए जाने पर एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से स्कूली बच्चों के पैरेंट्स को राहत मिलेगी। दरअसल, आज कैबिनेट मीटिंग में स्कूल फीस को लेकर दिल्ली स्कूल फीस एक्ट को मंज़ूरी दे दी है। इस एक्ट के तहत अब स्कूल प्रशासन मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। इस एक्ट की जानकारी देते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के स्कूलों की फीस को लेकर पैरेंट्स ने विरोध जताया था। जिसके बाद आज फीस को लेकर कैबिनेट मीटिंग हुई और एक बिल पेश किया गया। जिसे मंज़ूरी दे दी गई है।

सीएम रेखा गुप्ता दिल्ली की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहती है कि आज तक इससे पहले इस तरह का कोई प्रावधान नहीं बनाया गया। पिछली सरकार ने स्कूलों की फीस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। बता दें, इस बिल के तहत दिल्ली के 1677 स्कूलों को लेकर फीस के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की जाएगी।

स्कूल फीस को लेकर बिल हुआ पास

दिल्ली सरकार स्कूल फीस को लेकर एक ऐसा बिल लेकर आई है, जिससे बच्चों के माता-पिता को काफी राहत मिलेगी। आज की कैबिनेट मीटिंग में दिल्ली स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी मिल गई है। इस एक्ट के तहत स्कूल प्रशासन मनमाने तरीके से फीस को बढ़ा नहीं सकता। इसके लिए एक नई गाइडलाइंस भी जारी की जाएगी।

मालूम हो कि बीते कुछ समय से स्कूल फीस को लेकर बच्चों के अभिभावकों ने विरोध जताया था। उनका कहना था कि स्कूल प्रशासन मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहा है। पैरेंट्स ने आगे बताया कि स्कूलों में एडमिशन के लिए फीस इतनी ज्यादा है कि आपकी कमर टूट जाएगी। इसलिए पैरेंट्स चाहते थे कि इस मनमाने तरीकों पर लगाम लगाई जाए।

आशीष सूद ने बताया बिल का नाम

दिल्ली स्कूल फीस एक्ट पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने भी अपनी बात सामने रखी है। उन्होंने कहा कि स्कूल फीस एक्ट का नाम दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन 2025 है। उन्होंने आगे बताया कि इस एक्ट के लिए तीन स्तरीय समिति बनाई गई। जिसके बाद इसे लागू करने का काम किया गया।

बनाई जाएगी 3 तरह की कमेटी

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस बिल की जानकारी देते हुए आगे बताया कि इस बिल के लिए पहले स्कूल लेवल पर एक कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें 10 सदस्य होंगे। इस कमेटी में अभिभावक भी शामिल होंगे। इस कमेदी का गठन 31 जुलाई को होगा। जो ये तय करेगी कि स्कूल फीस बढ़ेगी या नहीं। इसकी रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर पेश करनी होगी। लेकिन अगर कमेदी समय पर रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई तो इस मामले को डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बनी कमेटी के पास भेज दिया जाएगा।

आशीष सूद ने आगे बताया कि जो स्कूल बिना कमेटी के फैसला कर फीस बढ़ाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उस स्कूल पर 1 लाख से लेकर 10 लाख तक का जुर्माना लग सकता है। इसी के साथ उस स्कूल का लाइसेंस भी रद्द हो जाएगा।  

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