Delhi Election Result 2025: 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की वापसी, इन 7 वजहों से दिल्ली में फिर खिला 'कमल'

Delhi Election Result 2025: 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की वापसी, इन 7 वजहों से दिल्ली में फिर खिला 'कमल'

Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025के नतीजे शनिवार सुबह 8बजे से आने शुरू हो गए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, सुबह 11बजे तक के रुझानों में भाजपा ने 40सीटों पर बढ़त बनाई हुई है, जबकि आप 30सीटों पर आगे है। हालांकि, यह नतीजे अभी पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 36सीटों का है।

अब तक भाजपा का 27साल पुराना वनवास समाप्त होता दिख रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी बहुमत तक नहीं पहुंच पाती दिख रही है। मुख्यमंत्री आतिशी समेत कई बड़े नेता अपनी सीटों पर पीछे चल रहे हैं। आइए, भाजपा की जीत के कुछ प्रमुख कारणों पर नजर डालते हैं:

बीजेपी के पक्ष में रहे ये कारण

1- मोदी की गारंटी और योजनाएं:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी प्रचार में यह सुनिश्चित किया कि उनकी सरकार की योजनाएं जारी रहेंगी। उन्होंने "आपदा जाएगी, बीजेगी आएगी" नारा दिया, जिससे लोगों में एक नई उम्मीद जागी।

2- ब्रांड मोदी पर भरोसा:

"डबल इंजन सरकार" का विश्वास और प्रधानमंत्री मोदी की छवि ने बीजेपी के पक्ष में काम किया। लोगों ने भरोसा जताया कि बीजेपी से दिल्ली की तस्वीर बदलेगी।

3- नैरेटिव - कट्टर ईमानदार और कट्टर बेइमान:

भाजपा ने आप पर भ्रष्टाचार और शराब घोटाले के आरोप लगाए। इसके साथ ही, बीजेपी ने अपनी घोषणाओं को "सकल्प पत्र" बताया, जिसमें सभी वायदों को पूरा करने का वादा किया गया।

4- चुनावी प्रबंधन:

बीजेपी ने बूथ स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं कार्यकर्ताओं से संवाद किया और बूथ स्तरीय योजना बनाई।

5- यमुना सफाई को प्रमुख मुद्दा बनाया:

यमुना की सफाई को लेकर आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाए गए। बीजेपी ने इसे बड़े मुद्दे के रूप में उठाया और इस पर आक्रामक तरीके से प्रचार किया।

बीजेपी की जीत के प्रमुख कारण

1- बूथ प्रबंधन और प्रधानमंत्री का संवाद:

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में चार रैलियां कीं, जिनमें दिल्ली को विश्वस्तरीय बनाने और लोगों से खुद समय देने का विश्वास जताया। उन्होंने हर रैली में दिल्ली सरकार की जनकल्याण योजनाओं को लागू रखने की बात की, जिससे लोगों में विश्वास बढ़ा।

2- झुग्गी बस्तियों और घर देने का विश्वास:

बीजेपी ने झुग्गी बस्तियों के मुद्दे को उठाया और घर देने का वादा किया। इससे गरीब और मिडिल क्लास के लोगों को साथ जोड़ा गया।

3- मध्य वर्ग को लुभाना:

भाजपा ने 12लाख आयकर छूट और आठवें वेतन आयोग की घोषणा की, जिससे मध्य वर्ग को आकर्षित किया। साथ ही, महिलाओं और युवाओं को भी अपने पक्ष में किया।

4- पूर्वांचल के लोगों से भावनात्मक जुड़ाव:

भाजपा ने पूर्वांचल के लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ा। प्रधानमंत्री ने यह कहा कि पूर्वांचल ने उन्हें सांसद और प्रधानमंत्री बनाया, और इसके लिए उन्होंने बिहार के लिए बजट घोषणाओं को भी गिनाया।

5- मुस्लिम मतों का विभाजन:

भाजपा ने मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण से बचते हुए अपने प्रचार को एक संतुलित तरीके से चलाया। उन्होंने मुस्लिमों के बीच अपना संदेश साफ किया, जिससे उनके वोट आप, कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी के बीच बंट गए।

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