Delhi crime: अमेज़ॉन के नाम से करते थे करोड़ों की ठगी, दिल्ली पुलिस ने किया रैकेट का पर्दाफाश

Delhi crime: अमेज़ॉन के नाम से करते थे करोड़ों की ठगी, दिल्ली पुलिस ने किया रैकेट का पर्दाफाश

नई दिल्ली: देश में साइबर क्राइम लगतार बढ रहा है. जिसे लेकर प्रशासन लगातार लोगों को चेतावनी देती रहती है. इसी के तहत दिल्ली पुलिस लगातार जगह-जगह छापेमारी कर रही है. जानकारी के अनुसार पश्चिमी दिल्ली पुलिस को तिलक नगर से अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठगी, धोखाधड़ी रैकेट के भडाफोड़ किया है. जिसमें 7 व्यक्तियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

बता दे कि पश्चिमी दिल्ली पुलिस के पुलिस आयुक्त उर्विज गोयल ने बताया कि साइबर सेल वेस्ट डिस्ट्रिक्ट को गुप्त सूचना मिली थी कि गणेश नगर, तिलक नगर, नई दिल्ली में कुछ लोग संगठित तरीके से अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठगी, धोखाधड़ी रैकेट चला रहे हैं. जानकारी के अनुसार जालसाज अवैध तकनीकों का उपयोग करने, वीओआइपी कॉलिंग, कानूनी अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (आईएलडी) गेटवे को दरकिनार कर सरकारी खजाने को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने और खुद को गलत लाभ पहुंचाने में लगे हुए हैं. वे विदेशों (यूएसए) में स्थित निर्दोष लोगों को अमेज़ॅन के आधिकारिक टेक समर्थकों के रूप में तकनीकी सहायता प्रदान करने के झूठे बहाने से धोखा दे रहे हैं.

पुलिस आयुक्त उर्विज गोयल ने बताया है कि इसके तहत हमने एक टीम और ऑपरेशन्स, वेस्ट डिस्ट्रिक्ट का गठन किया गया था. टीम ने 17 जून 2021 को गणेश नगर, तिलक नगरमें छापा मारा. जहां पुलिस ने देखा कि कई कॉल करने वाले कॉल करने प्राप्त करने में लगे हुए थे और कॉलर के डेस्कटॉप पर स्थापित कई स्क्रीन पर अंतर्राष्ट्रीय नंबर प्रदर्शित किए जा रहे थे.

पुलिस ने मौजूदा कथित लोगों से वहां चल रही गतिविधि के बारे में पूछा गया, लेकिन वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके और लगातार पूछताछ करने पर, उन्होंने खुलासा किया कि वे विदेशी (यूएसए) नागरिकों को बुला रहे थे और वीओआइपी के माध्यम से खुद को अमेज़ॅन के वास्तविक तकनीकी समर्थक के रूप में कॉल को प्रतिरूपित कर रहे थे.पुलिस ने बताया कि इस प्रक्रिया में वे साइबर कानून को दरकिनार कर सरकारी खजाने को गलत तरीके से नुकसान पहुंचा रहे थे और विदेशों में निर्दोष व्यक्तियों को धोखा दे रहे थे. वे पहचान से बचने के लिए अपनी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे थे.

पुलिस ने आरोपी काम करने के ढंग की चर्चा करते हुए बताया कि आरोपी  के तकनीकी सहायता घोटाला, केंद्रों से संचालित आपराधिक योजनाओं में से एक, आम तौर पर पहले से रिकॉर्ड किए गए धमकी भरे रोबोकॉल के साथ शुरू होता है जो अपने को अमेज़ॅन से होने का दावा करता है और प्राप्तकर्ता को बताता है कि उनके अमेज़ॉन खाते में संदिग्ध लेनदेन हुआ है और वे उन्हें धोखे से मना लेते हैं. और उनके साथ ठगी करते है. पुलिस के अनुसार कुल ठगी गई राशि की मात्रा करोड़ों में आंकी गई है.

पुलिस के अनुसार साइबर क्राइम 07 लोगो को गिरफ्तार किया गया है.जिसमें से तीन मालिक नामत गौरव, अमित आनंद, अजनीश राणा और  04 टेलीकॉलर एजेंट आर्यन सक्सेना, योगेश प्रसाद, नवीन कुमार,अमन प्रीत कौर मौके पर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किए है.

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