
Deceased Body Respect Law: राजस्थान में एक खास कानून लागू किया गया है। अब राज्य में मृतक शरीर को लेकर विरोध प्रदर्शन करना, लाश पर राजनीति करना और बिना किसी वजह अंतिम संस्कार में देरी करना अपराध माना जाएगा। राज्य सरकार ने पूर्व कांग्रेस शासन में पारित ‘मृतक शरीर सम्मान कानून’ के नियम बिना किसी संशोधन के लागू कर दिया है। नियम लागू होने के बाद अब आरोपी पाए जाने पर इस कानून के तहत सीधे कार्रवाई होगी।
सरकार ने किया नियम लागू
जानकारी के अनुसार, 20 जुलाई 2023 को पिछली गहलोत सरकार के दौरान विधानसभा में इस बिल को पेश किया गया था। 17 अगस्त, 2023 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद 18 अगस्त 2023 से ये कानून प्रभावी हो गया था, लेकिन इसके नियम जारी नहीं किए गए थे। उस वक्त विपक्ष में रही बीजेपी ने इस कानून का कड़ा विरोध किया था। अब सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार ने बिना बदलाव किए बिना इसके नियम अधिसूचित कर दिया है।
5 साल तक की हो सकती है सजा
इस नियम के अनुसार, मृतक का अंतिम संस्कार 24 घंटे के अंदर करना अनिवार्य होगा। ये देरी सिर्फ मृतक के परिजन बाहर से आ रहे हों या फिर पोस्टमार्टम जरूरी हो, इन्हीं परिस्थितियों में ही मान्य होगी। नहीं तो पुलिस मृतक का शव अपने कब्जे में लेकर अंतिम संस्कार कर सकेगी। नए प्रावधानों के अनुसार डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन करने, सड़क जाम करने या लाश के माध्यम से दबाव बनाने पर 1 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना भरना परेगा।
पुलिस तुरंत करेगी कर्रवाई
वहीं, अगर परिजन राजनीतिक या सामाजिक दबाव के लिए डेड बॉडी का अंतिम संस्कार नहीं करते हैं, तो उन्हें भी सजा मिलेगी। किसी भी नेता, संगठन या गैर-परिजन द्वारा शव के साथ विरोध करने पर भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस नियम के लागू होने के बाद अब इस कानून के दायरे में परिजन, नेता और मामले से जुड़े सभी व्यक्ति आ जाएंगे। डेड बॉडी का इस्तेमाल कर विरोध, राजनीति या सार्वजनिक व्यवस्था बाधित करने की किसी भी कोशिश पर सीधे कार्रवाई की जाएगी।
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