भारत में फिर एक बार कोविड-19 की दस्तक! डॉक्टर्स ने ने सतर्कता बरतने की दी सलाह

भारत में फिर एक बार कोविड-19 की दस्तक! डॉक्टर्स ने ने सतर्कता बरतने की दी सलाह

COVID-19 cases in India: दक्षिण-पूर्व एशिया में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बाद, कोरोना अब इंडीया में भी दस्तक दे चुका हैं। हाल ही  भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं, खासकर केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में। दक्षिण-पूर्व एशिया में भी मामले बढ़ रहे हैं, जिससे भारत में खतरे की आशंका बढ़ गई है।
 
पीछले दिनों कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं, खासकर एशिया में। हांगकांग और सिंगापुर  जैसे देशों में मामले बढ़ने के बाद अब भारत में भी नए कोरोना केसेस सामने आ रहे हैं। बता दें, बिते दिनों तमिलनाडु में 12 नए मामले सामने आए हैं, जबकि पुडुचेरी में भी 12 नए मामले सामने आए हैं। कर्नाटक में 16 सक्रिय मामले हैं और गुजरात के अहमदाबाद में एक दिन में 7 नए मामले सामने आए हैं। मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। लोगों को फिर से सावधानी बरतने की जरूरत है, जैसे कि मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना। स्वास्थ्य अधिकारी मामलों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और टीकाकरण को बढ़ावा देना होगा। हालांकि, अधिकांश मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है।
 
दक्षिण-पूर्व एशिया में बढ़ता खतरा
हांगकांग, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में कोविड-19 की नई लहर ने चिंता बढ़ा दी है। सिंगापुर में मई के पहले सप्ताह में 14,200 मामले दर्ज किए गए, जबकि हांगकांग में एक सप्ताह में 31 मौतें हुईं। यह वृद्धि ओमिक्रॉन के जेएन.1 वैरिएंट और इसकी उप-श्रेणियों से जुड़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर होती इम्यूनिटी और वायरस में नए म्यूटेशन इसके लिए जिम्मेदार हैं। भारत में भी इसी तरह की स्थिति की आशंका जताई जा रही है।
 
कोविड-19 को लकर डॉक्टर्स  की सलाह
डॉक्टर्स ने लोगों से अपील की है कि वे कोविड-19 से बचाव के लिए सावधानी बरतें। उन्होंने पर्सनल हाइजीन के लिए मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को बेहद जरूरी बताया है। साथ ही, बता दें कि टीकाकरण और बूस्टर डोज लेना भी महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों को बुखार और सांस की बीमारियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है, ताकि समय पर इलाज और रोकथाम के उपाय किए जा सकें और बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।

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