Coronavirus Work From Home: कोरोना वायरस का बढ़ता खतरा, कहीं आप भी तो 'वर्क फ्रॉम होम' की वजह से इन परेशानियों से तो नहीं जूझ रहे

Coronavirus Work From Home: कोरोना वायरस का बढ़ता खतरा, कहीं आप भी तो 'वर्क फ्रॉम होम' की वजह से इन परेशानियों से तो नहीं जूझ रहे

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खतरे को काबू करने के लिए सरकारें एहतियातन बड़े फैसले ले रही हैं. रविवार को देश में जनता कर्फ्यू तो है ही लेकिन इसी कड़ी में सबसे अहम निर्णय यह है कि ज्यादातर कर्मचारियों को सुविधा दी गई है कि वे अब घर से ही काम कर सकते हैं. दरअसल पब्लिक ट्रांसपोर्ट  को इस्तेमाल करने से भी कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है इसलिए केंद्र सरकार ने अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों से घर से काम करने की सुविधा दी है. हालांकि बाकी बचे लोगों को ऑफिस आना होगा. अंदाजे के मुताबिक ज्यादातर महिलाओं को घर से काम करने की छूट मिली हुई है.

 कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में पहले ही अधिकतर बाजार और सिनेमाघर बंद कर दिए गए हैं. लोग घरों से बाहर निकलने में भी घबरा रहे हैं. ऐसे में जिन लोगों को घर में रहकर काम करना पड़ रहा है वो एक नई तरह की मुश्किल से भी गुजर रहे हैं. क्योंकि कोरोना वायरस के डर से वो न तो कहीं बाहर जा पा रहे हैं और न ही घर में काम से अवकाश ले पा रहे अगर देखें तो यही इस वजह से मानसिक और शारीरिक थकान का कारण भी बन रही है.

घर से काम करने की अपील

समस्या इस बात की है कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि घर से काम करना उनके लिए उचित नहीं जान पड़ता क्योंकि घर का माहौल फ्रैंक होने से वह ऐसा नहीं कर पाते. लोगों को यह भी आशंका है कि फिलहाल जैसे हालात हैं ऐसे में घर से काम करने का कॉन्सेप्ट लंबा भी खिंच सकता है. लेकिन कुछ राज्य सरकारों के अलावा कुछ प्राइवेट कंपनियों ने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दी है साथ ही इसके लिए व्यवस्थाएं भी मुहैया कराई हैं. देश के प्रमुख कारोबारी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि इस समूह के अस्पताल, खुदरा दुकानों तथा दूरसंचार जैसे उपभोक्ता से सीधे रूबरू होने वाले कारोबारों में न्यूनतम कर्मचारियों से काम चलाया जाएगा. लेकिन समस्या मीडिया, सिक्योरिटी एजेंसी, पुलिस आदि को है जिनके लिए घर से काम करन मुमकिन नहीं हो सकता.

घर से काम करने की बात पर ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि जो काम ऑफिस में आसानी से कर किया जा सकता है उसे घर से पूरा करने में कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं. लोग इसको लेकर मानसिक दबाव भ्महसूस कर रहे हैं क्योंकि काम को तय समय में पूरा करने का दबाव बना रहता है. एक और समस्या यह भी है कि हर कर्मचारी को लगता है कि यदि काम में थोड़ी भी कमी देखी गई तो कंपनी आप पर शक करेगी. यह भी दिखाना है कि काम सही ढंग से हो रहा है इस वजह से काम के घंटे भी बढ़ रहे हैं. दरअसल लोगों का यह भी मानना है कि कहीं यह आदत आगे के लिए उनकी मुसीबत न बन जाए क्योंकि हो सकता है कि आगे से उसे घर से ही काम करने के लिए कह दिया जाए.

कुछ कंपनियां कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भरपूर सहयोग कर रही हैं. उनमें से एक टाटा ग्रुप ने बड़ा फैसला लिया कि वह कोरोनावायरस के कारण कार्य करने में अक्षम या फिर प्लांट बंदी से प्रभावित अस्थायी कर्मचारियों और डेली वर्कर्स को पूरे वेतन का भुगतान करेगा. यह फैसला टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों के अस्थायी कर्मचारी और डेली वर्कर्स पर लागू होगा. इस फैसले के तहत अस्थायी कर्मचारियों और डेली वर्कर्स को मार्च और अप्रैल महीने का पूरा वेतन दिया जाएगा.

 

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