Coronavirus updates in Delhi: लाॅकडाउन में ढील मिलते ही दिल्ली में बढ़ी कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे में 500 केस ने बढ़ाई चिंता

Coronavirus updates in Delhi: लाॅकडाउन में ढील मिलते ही दिल्ली में बढ़ी कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे में 500 केस ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली : लाॅकडाउन 4.0 में ढील मिलते ही राजधानी दिल्ली की हालत खराब होने लगी है. कोरोना के मरीजों की संख्या में एकदम से उछाल देखने को मिला है. बता दें कि आज से ही केजरीवाल सरकार ने कई प्रकार छूट की घोषणा की थी जिसके बाद यहां कोरोना संक्रमण में तेजी से इजाफा हुआ है. मंगलवार को अब तक पिछले 24 घंटे में कोरोना के 500 नए केस देखने को मिले हैं और यह अब तक की सबसे बड़ा उछाल बताया जा रहा है. कुल मामलों की बता करें तो यहां अब तक कोरोना के कुल केसों की संख्या 10554 हो चुकी है. इसमें से 5638 ऐक्टिव हैं और 166 लोग कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं.
 
दरअसल तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने लाॅकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने के साथ ही कुछ मामलों को लेकर राज्यों को निर्णय लेने की छूट दी थी जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने नए निर्देशों के साथ सोमवार को नई घोषणाएं की थीं. अब सवाल उठ रहे हैं कि तो दिल्ली में लॉकडाउन खोलने में जल्दबाजी से कहीं नुकसान तो नहीं होगा? दरअसल केजरीवाल ने कहा था कि फिलहाल कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा क्योंकि इसका इलाज निकट भविष्य में नहीं दिख रहा. उन्होंने कहा था कि दिल्ली को धीरे-धीरे ही खोला जा रहा है. उन्होंने संकेत दिए थे कि सरकार अर्थव्यवस्था को दरकिनार नहीं कर सकती और उसके बारे में सोचना होगा. बहरहाल कोरोना की रफ्तार बढ़ते ही सरकार अब आगे क्या करेगी यह सोचने की बात है.
 
जून-जुलाई में कोरोना वायरस चरम पर
 
बता दें कि राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार के पार हो गई है. इसके साथ ही विशेषज्ञों का मानना है कि जून-जुलाई में कोरोना वायरस अपने चरम पर होगा, यानी उस दौरान सबसे ज्यादा मरीज सामने आने और वायरस के खतरनाक होने की संभावना जताई जा रही है. आकलन बता रहा है कि आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है. दरअसल राजधानी में 2 मार्च को कोरोना का पहला मामला सामने आया था. डॉक्टरों का कहना है कि मार्च में वायरस का प्रमुख स्रोत विदेश से आए लोग ही थे. उस समय तक आम लोगों में संक्रमण ना के बराबर पहुंचा था. वायरस उन्हीं लोगों में पाया जा रहा था, जो विदेश से आए थे या उनके संपर्क में थे लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता गया, संक्रमण की रफ्तार बढ़ती चली गई और मार्च के अंत तक निजामुद्दीन इलाके में संक्रमण का बड़ा हॉट स्पॉट बना, उसके बाद अप्रैल में अचानक दिल्ली में संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई थी और अब तक नहीं थमी है.
 
 

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