नई दिल्ली: भारत की दूसरी नंबर की बड़ी कार्ड प्रदाता कंपनी एसबीआई कार्ड को जो सब्सक्रिप्शन मिलना चाहिए था वह नहीं मिला. दो सप्ताह से कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है. इसका असर भारत में भी देखा गया. इस बीच बाजार में कोहराम के बीच सोमवार को एसबीआई कार्ड्स के शेयरों की लिस्टिंग हुई, जिसने इसके निवेशकों को निराश किया. दरअसल एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट्स सर्विसेज के शेयरों की लिस्टिंग उम्मीद से कम हुई है. बीएसई पर यह 658 रुपये पर हुई जो इसके 755 रुपये के इश्यू प्राइस से करीब 13 फीसदी कम है. जबकि कंपनी के आईपीओ को शानदार सब्सक्रिप्शन मिला था.
एनसई की बात करें तो कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग यहां 661 रुपये के दाम पर हुई है, यानी करीब 12.45 फीसदी के डिस्काउंट पर. जानकारों का मानना था कि इस शेयर की लिस्टिंग 780 से 800 रुपये के भाव पर हो सकती है, जो नहीं हुआ.
बता दें कि एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट्स सर्विसेज का आईपीओ 26 गुना सब्सक्राइब हुआ था. कंपनी के इश्यू के लिए 750 से 755 तक प्राइस बैंड रखा गया था और निवेशकों ने इसमें अच्छी रुचि दिखाई थी. ग्रे मार्केट में भी निवेशकों का इस पर भरोसा बना रहा है और इसमें अच्छा निवेश हुआ. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बाजार की स्थिति खराब होने की वजह से इसकी लिस्टिंग ने कई निवेशकों को निराश कर दिया.
अगर ग्रे मार्केट में एसबीआई कार्ड की बात करें तो आईपीओ शुक्रवार को इश्यू प्राइस से 20-25 फीसदी डिस्काउंट के साथ ट्रेड कर रहा था. इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड अधिकतम 755 रुपये तय किया गया है. शुक्रवार सुबह जब निफ्टी ने 10 फीसदी के लोअर सर्किट छुआ था, तब यह आईपीओ 755 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. बाद में, जब बाजार थोड़ा संभला, तब डिस्काउंट में प्रति शेयर 5 रुपये का सुधार देखा गया था.
जिसने निवेश के लिए भारी ब्याज दर पर कर्ज लिए होंगे उन्हें तगड़ा झटका लग सकता है. इश्यू को सब्सक्राइब करने के लिए कई अमीर निवेशकों ने 13 फीसदी से 15 फीसदी तक की दर पर बाजार से पैसा उठाया था. इन निवेशकों ने इश्यू में 2 लाख रुपये से ज्यादा के निवेश किए थे.
सेंसेक्स में 1800 अंकों की गिरावट
बता दें बाजार में दरअसल सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी जा रही है. सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही सेंसेक्स में 1000 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. बाद में यह 1800 अंक तक नीचे गिर गया. भारत में ज्यादातर कंपनियों के शेयर गिरे हैं जबकि कुछेक कंपनियां भी निवेशकों को मुनाफा दे पाई हैं. कोरोना वायरस की वजह से हमारे देश में यस बैंक की हालत खराब हुई तो वहीं वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरने से भारत में भी इसके दामों में कमी आई.
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