Coronavirus Paracetamol and Ibuprofen : कोरोना वायरस से संक्रमण के दौरान आई ब्रूफेन का इस्तेमाल नुकसानदेह, पैरासिटामोल का करें प्रयोग

Coronavirus Paracetamol and Ibuprofen : कोरोना वायरस से संक्रमण के दौरान आई ब्रूफेन का इस्तेमाल नुकसानदेह, पैरासिटामोल का करें प्रयोग

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है. हालांकि वायरस को पूर्णतः खत्म करने वाली मेडिसिन की खोज अभी तक नहीं की जा सकी है. दरअसल भारत सहित कई देशों में इसके बढ़ते प्रभाव से बचने या जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण हों वे आईब्रूफेन ले रहे हैं जो कि सही नहीं है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इसका प्रयोग सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है. कोरोना वायरस से बचने के लिए इसकी जगह पैरासिटामोल का इस्तेमाल किया जा सकता है.

दरअसल फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ने सर्वप्रथम यह दावा किया था कि आई ब्रूफेन का कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं है क्योंकि इस दवा के सेवन के बाद शरीर में एक ऐसे एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है जो कोविड-19के संक्रमण को और बढ़ा सकती है.

यदि आई ब्रूफेन लेने की सलाह डॉक्टरोंने दी है तो यह उन पर निर्भर है. यह दवा बुखार, दर्द या सूजन में लोग काउंटर से खरीदकर खाते हैं. मंत्री ने कहा, यदि बुखार हो तो पेरासिटामोल लें. उन्होंने यह भी कहा कि जो मरीज पहले से एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा ले रहे हों, वे अपने डॉक्टर से सलाह लें. इसका समर्थन अब डब्ल्यूएचओ ने भी किया है. इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र के उक्त स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों का कहना है कि वे इस पर आगे भी निर्देश जारी करेंगे.

कोविड-19 के बारे में खुलासे

बता दें कि कोविड-19 के बारे में जो खुलासे हुए हैं उनमें पहला यह है कि यह हवा में कुछ घंटों तक जिंदा रह सकता है जबकि यह किसी सतह पर कितने दिनों तक जिंदा रह सकता है यह उस सतह पर निर्भर करता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और यूसीएलए ने द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक रिसर्च प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस हवा में करीब 3 घंटों तक जिंदा रह सकता है.

बता दें कि जब कोई खांसता या छींकता है तो उसके थूक के कणों के जरिए ये वायरस हवा में चला जाता है और करीब 3 घंटों तक जिंदा रहता है, अगर बात करें प्लास्टिक और स्टील की सतह की, तो इन पर कोरोना वायरस करीब 2-3 दिन तक जिंदा रह सकता है. वहीं कार्ड बोर्ड पर ये वायरस करीब 24 घंटे तक जिंदा रह सकता है. अगर सतह कॉपर की है तो उस पर ये वायरस करीब 4 घंटे तक जिंदा रह सकता है.

गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ने आज से करीब दो सप्ताह पहले ही कोरोना का विश्व भर में संक्रमण बढ़ता देखकर इस एक महामारी घोषित किया था. बहरहाल सभी देशों में कोरोना वायरस को प्रभावी तरीके से नष्ट करने के लिए अभी भी शोध चल रहे हैं.

 

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