बच्चों की वैक्सीन की तैयारी...
कई कंपनियां कर रही वैक्सीन बनाने का दावा
18 साल के ऊपर के लोगों का हो रहा वैक्सीनेशन
कोरोना महामारी की दूसरी लहर धीमी पड़ चुकी है. अभी संभावित कोरोना की तीसरी लहर को लेकर देश तैयारी कर रहा है. देश के कई राज्यों में स्कूल खोल दिए गए है और कुछ राज्यों में स्कूल खोलने की तैयारी चल रही है. लेकिन बच्चों के माता-पिता सरकारों के इस फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे है क्योंकि अभी तक बच्चों की वैक्सीन नहीं बनाई गई है. सरकार बच्चों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पा रही है. अभी वैक्सीन 18 साल के ऊपर के लोगों को लगाई जा रही है.
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स्कूल खोलने को लेकर एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि केवल क्षेत्रों में स्कूलों को खोलना चाहिए. जहां पर पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम है. कोरोना की वजह से दो बार देश में लॉकडाउन लगाया गया. जिससे कई महीनों तक स्कूलों को बंद रखना पड़ा.
बच्चों की वैक्सीन के लिए काम कर रही कंपनियां
कोवैक्सीन:एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि भारत बायोटेक की कंपनी कोवैक्सीन बच्चों की वैक्सीन के लिए ट्रायल कर रही है. रणदीप गुलेरिया का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कोवैक्सीन की दूसरी खुराक अगले सप्ताह ट्रायल्स में 2-6 साल के बच्चों को दिए जाने की संभावना है.
इडस कैडिला:जाइडस कैडिला ने 12-18 आयु वर्ग के लिए अपने डीएनए-आधारित कोविड -19 टीके ZyCoV-D का क्लीनिकल उपलब्ध हो सकता है. 15 जुलाई को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंडर सचिव सत्येंद्र सिंह ने एक हलफनामे में कहा, "यह सब्मिट किया गया है कि डीएनए विकसित करने वाली जाइडस कैडिला ने 12-18 आयु वर्ग के लिए अपना क्लीनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक समाप्त कर लिया है.
फाइजर:डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अगर भारत में फाइजर-बायोएनटेक के टीके को हरी झंडी मिल जाती है तो वह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है. वैक्सीन निर्माता मॉडर्ना और फाइजर भारत को अपने कोविड 19 टीकों की सप्लाई करने से पहले एक इंडेम्निटी क्लॉज पर जोर दे रहे हैं. आपको बता दे कि भारत में फाइजर, कोवैक्सीन और कोविशील्ड की वैक्सीन 18 साल से ऊपर के लोगों को लगाई जा रही है.
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