Corona Updates: देश में संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामले पर अब पहले से कम जानलेवा, तीन फीसदी से नीचे आया CFR, जानें क्या है केस फैटलिटी रेट
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से दुनिया कई देश बुरी तरह प्रभावित रहे लेकिन भारत में आज इसके केस भले ही दो लाख की ओर अग्रसर हैं लेकिन राहत की बात ये है कि यहां पर अभी तक पांच हजार लोगों की जान ही गई जबकि दुनिया के कई देशों में मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है. दरअसल भारत में कोरोना वायरस महामारी के फैलते प्रकोप के बीच राहत भरी खबर ये है कि यह अब पहले से कम जानलेवा है. दरअसल भारत में कोरोना वायरस का केस फैटलिटी रेट (CFR) शुक्रवार को 2.84 प्रतिशत था जो पिछले डेढ़ महीनों में पहली बार 3 प्रतिशत के नीचे गया है. सीएफआर का मतलब पॉजिटिव पाए गए सभी मरीजों में से कितने प्रतिशत की मौत होती है उससे है.
बता दें कि यह रेट पहले 7 अप्रैल को बेहद कम था. तब कुल केस 5,194 ही थे. अप्रैल में जब केस 10 हजार के करीब पहुंचे तबसे ही यह रेट लगातार ऊपर जा रहा था. मई की शुरुआत में यह रेट 3.4 था यानी हर 100 मरीजों में 3 से ज्यादा की मौत हो रही थी. डेथ रेट में गिरावट का ट्रेंड इस हफ्ते की शुरुआत के साथ शुरू हुआ. 24 मई को यह 2.89 प्रतिशत था जो 25 मई को गिरकर 2.87 प्रतिशत और शुक्रवार को 2.84 प्रतिशत रह गया. इसकी घटती क्षमता का पता इससे भी चलता है कि पश्चिम बंगाल में डेथ रेट राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है. सूबे में कोरोना से मौत का प्रतिशत देश में सबसे ज्यादा है जहां औसतन हर 100 मरीजों में से 6.5 को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. हालांकि अब बंगाल में मृत्यु दर में तेजी से सुधार भी हो रहा है और यहां जो सीएफआर 10 प्रतिशत तक पहुंच चुका था उसमें अब गिरावट आ रही है. इसके साथ ही गुजरात का सीएफआर 6.2 है. एमपी में यह 6 प्रतिशत था लेकिन यहां घटकर 4.3 प्रतिशत पहुंच गया है.
दिल्ली में प्रति 10 लाख आबादी पर केस ज्यादा
अगर महाराष्ट्र की बात करें तो यहां सीएफआर राष्ट्रीय औसत से थोड़ा सा ज्यादा है. यहां सीएफआर 3.3 प्रतिशत है जो मई की शुरुआत में 4 प्रतिशत था. इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में प्रति 10 लाख आबादी पर कोरोना के केस देश में सबसे ज्यादा हैं. देश में हर दिन सबसे ज्यादा टेस्ट दिल्ली में ही हो रहा है. यहां 10 लाख आबादी पर 810 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. 7 मई को यह आंकड़ा 275 था. इसी से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के फैलने के रफ्तार बहुत ज्यादा है. प्रति 10 लाख आबादी पर कोरोना केस के मामले में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है जहां यह आंकड़ा 483.3 है.
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