Corona Lockdown 4th Day Update: सरकार ने लॉकडाउन के बीच मजदूरों को घर तक पहुंचाने के प्रयास तेज किए, सरकार इन पर ऐसे रख रही नजर

Corona Lockdown 4th Day Update: सरकार ने लॉकडाउन के बीच मजदूरों को घर तक पहुंचाने के प्रयास तेज किए, सरकार इन पर ऐसे रख रही नजर

नई दिल्ली: भारत इस समय कोरोना वायरस की मार झेल रहा है. लॉकडाउन के  बावजूद पिछले दो दिन से दिल्ली के आनंद विहार के जो हालात हैं उसने सरकार का परेशान जरूर कर दिया है. एक तरफ सोशल डिस्टेंस की बात की जा रही है वहीं दिल्ली यूपी बॉर्डर के जो हालात हैं वह इतने भयावह हैं कि कोरोना वायरस पर लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं रह जाता. कोरोना वायरस का संक्रमण तो एक दूसरे के पास खड़े होने से भी फैल सकता है और ऐसे में हजारों की भीड़ में ये मजदूर सरकार के लिए चिंता का सबब बन गए हैं.
 
इस भीड़ को लेकर अफवाहों की बात भी सामने आई जिसके बाद मजूदर घर जाने को सड़कों पर उमड़ पड़े. शनिवार शाम को तो दिल्ली के आनंद विहार में लोगों का ऐसा हुजूम उमड़ा था, जिसने सबको हैरान कर दिया। इससे पहले दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर भी सैकड़ों लोगों की भीड़ पैदल ही अपने घरों को जाती दिखी. दिल्ली सरकार ने इनको यूपी बॉर्डर तक तो छुड़वा दिया लेकिन इन्हें राजधानी में ही नहीं रोक सकी. बाद में यूपी सरकार को भी इनके लिए तमाम व्यवस्थाएं करनी पड़ीं और कई बसें चलाकर यूपी बिहार के कई इलाकों तक छोड़ा जा रहा है.
 
इस बीच इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सरकार ने इन मजदूरों को रोका क्यों नहीं और इतनी बड़ी संख्या में मजदूर लॉकडाउन के बावजूद इकट्ठे हो गए. इन मजदूरों में से ज्यादातर का कहना है कि उनकी नौकरी चली गई और ऐसा कोई नहीं था जो हमें खाने के लिए देता ऐसे में घर जाना ही बेहतर है.
 
किसी का कहना है कि उनके पास पैसे नहीं हैं तो कई ने सरकार से बसें चलाने के लिए गुहार लगाई है. बीते दिन सरकार ने पैदल अपने घरों को जाते हजारों लोगों के लिए कुछ जरूरी इंतजाम भी किए और करीब 1000 यूपी रोडवेज की बसें, 2000 तक प्राइवेट बसें, इसके अलावा वाहनों से उन्हें घर जाने का इंतजाम किया गया है. दिल्ली सरकार ने भी हापुड़ तक के लिए 100 डीटीसी बसें लगाई हुई हैं.
राजधानी से लंबी दूरी के बावजूद लोग अपने घरों की ओर पैदल ही जा रही हैं हालांकि हो सकता है कि इन्हें बीच में सरकार द्वारा चलाई बसों से मदद मिल  सके. यूपी और बिहार के कई इलाकों के लिए बड़ी तादाद में लोग पहले ही घर की तरफ निकल पड़े थे. कई रिक्षा चालक रिक्षे से भी घर सैकड़ों किलोमीटर की दूर  तय करते देखे गए. उनका कहना था कि उनके पास खाने के लिए न तो भोजन  है, ना ही किराया देने के लिए पैसे, ऐसे में हमें घर छोड़ना ही पड़ा.
 
बता दें कि अब तक देश भर में 900 से भी अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 20 लोगों की मौत हो गई है. संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है जिसकी वजह से पूरे देश में कर्फ्यू जैसे हालात बने, लेकिन अब उन खाली सड़कों पर हजारों की भीड़ चलती हुई दिख रही है जिसके लिए सरकार जल्द से जल्द निपटने की कोशिश कर रही है. 
 
सरकार कर रही ये पहल 
 
बहरहाल लोग घरों से लौट रहे हैं लेकिन संक्रमण की आशंका को देखते हुए सरकार अलर्ट हो गई है और बड़े शहरों से घर लौट रहे लोगों की सेहत पर कड़ी निगरानी रखने के लिए गांव-गांव और जिला स्तर पर अपनी नजर रखने लगी है. बताया जा रहा है कि पलायन से हाई रिस्क पर पहुंचने वाले इलाकों की सरकार ने जिला और गांवों के स्तर पर पहचान कर ली है. निगरानी के लिए बनाई गईं रैपिड रेस्पॉन्स टीमें इनके गंतव्य स्थान और सफर के दौरान भी इनकी सेहत पर कड़ी निगरानी रखेंगी. शंका है कि इतने बड़े स्तर पर लोगों की भीड़ निकल रही है ऐसे में कहीं कुछ लोग भी कोरोना वायरस के शिकार हुए तो वे इस महामारी को गांवों में फैलाने वाले वाहक हो सकते हैं. 
 
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने इस चुनौती के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. एनसीडीसी को जानकारी मिली है कि अपने घर लौटने वाले इन मजदूरों की तादात यूपी, बिहार और राजस्थान से है. सरकार ने इन जिलों को हाई रिस्क श्रेणी में रखा है. फिलहाल मजदूरों का पलायन जिस तरह से हो रहा है उससे सोशल डिस्टेंसिंग संभव नहीं हो पा रही है. 
 
 
 

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