नई दिल्ली: देश में गहराते कोरोना संकट और चीन सीमा विवाद पर कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. बैठक में पूर्व पीएम मनोमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भाग लिया. देश में बढञते कोरोना संकट को लेकर कांग्रेस नेताओं ने सरकार को आड़े हाथ लिया और जमकर तीखा हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि भारत आज एक भयानक आर्थिक संकट, महामारी और अब चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर विवाद के कारण संकट की चपेट में है. हर संकट का कारण बीजेपी की कुप्रबंधन और इसकी गलत नीतियां हैं.
सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस समय सबसे बड़ी जरूरत गरीबों, एमएसएमई सेक्टर को बड़े पैमाने पर राजकोषिय प्रोत्साहन देने की है. इसके बजाय मोदी सरकार ने एक खोखले वित्तीय पैकेज की घोषणा की, जो जीडीपी के 1 फीसदी से भी कम था. सोनिया गांधी ने कहा कि जब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो रही है, तब सरकार लगातार 17 दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी कर रही है. चीन सीमा पर विवाद जारी है, लेकिन भविष्य में क्या होगा हमें नहीं पता है.
देश को इस संकट से निकालने के लिए बीजेपी सरकार क्या कर रही है हमें इसका पता नहीं है. कोरोना संकट पर सोनिया गांधी ने कहा कि पीएम मोदी के आश्वासन के बावजूद कोरोना महामारी का कहर जारी है. केंद्र ने राज्य सरकारों को मदद का आश्वासन दिया, लेकिन एक भी रूपया नहीं दिया. महामारी के कुप्रबंधन को मोदी सरकार की सबसे विनाशकारी विफलताओं में से एक के रूप में दर्ज किया जाएगा. वहीं, सीमा विवाद पर कहा कि चीनी सेना लगातार घुसपैठ कर रही है और भारत की सीमा पर कब्जा कर रही है. मोदी सरकार लगातार देश को आस्वासन दे रही है जबकि, सीमा पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है.
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