इलेक्टोरल बॉण्ड को लेकर वित्त मंत्री पर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप, मांगा इस्तीफा

इलेक्टोरल बॉण्ड को लेकर वित्त मंत्री पर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप, मांगा इस्तीफा

Nirmala Sitaraman Latest News: कांग्रेस ने अब रद्द हो चुकी चुनावी बॉण्ड योजना के संबंध में शिकायत पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और ‘‘लोकतंत्र को कमजोर करने’’ के लिए वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग की। विपक्षी दल ने पूरे चुनावी बॉण्ड योजना की विशेष जांच दल के माध्यम से उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की अपनी मांग दोहराई। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी के साथ यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड की साजिश के जरिये पैसे ऐंठने के लिए चार तरीकों का इस्तेमाल किया गया। इसके तहत प्रीपेड रिश्वत, पोस्टपेड रिश्वत, छापे के बाद रिश्वत और फर्जी कंपनियों के माध्यम से वसूली की गई।

'बॉन्ड स्कैम की कई कहानियां बता चुका है मीडिया'

सिंघवी ने कहा कि, मीडिया ने पिछले एक साल में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हुई कई सारी कहानियां, नाम और किस्से पब्लिश किए हैं। जिनमें कई सारे तथ्य भी हैं। उन स्टोरीज में बताया गया है कि: कैसे किसी कंपनी/व्यक्ति ने कब और किसने इलेक्टोरल बॉण्ड लिया।  कई मामलों में पहले जांच एजेंसियों ने छापे मारे और फिर उन कंपनियों द्वारा इलेक्टोरल बॉण्ड लिया गया। ऐसा भी देखा गया कि इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदने के बाद उन मामलों में जांच धीमी हो गई।  हमने कई मामलों में यह भी देखा कि जिन कंपनियों का पेड-अप कैपिटल 100करोड़ भी नहीं था, लेकिन उन्होंने 500करोड़ के इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदे थे।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि, इलेक्टोरल बॉण्ड मामले में चौथा पहलू एफआईआर दर्ज होने का है। किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज होने का एक प्रावधान होता है, जिसमें मामले की प्राथमिक जांच के आधार पर अदालत एफआईआर दर्ज करने का आदेश देती है। इस एफआईआर में भी वित्त मंत्री आरोपी नंबर 1हैं और अन्य व्यक्ति भी संबंधित धाराओं के तहत मामले में आरोपी हैं।

इस एफआईआर में नाम के साथ आंकड़े भी दर्ज हैं- जिसमें कुल आंकड़ा 8,000करोड़ रुपए का है।

आरबीआई ने जताई थी चिंता

कांग्रेस ने कहा कि, जब इलेक्टोरल बॉन्ड बनाया जा रहा था, तो आरबीआई के गवर्नर ने कहा था कि, हम चिंतित हैं कि चुनावी बॉन्ड के मुद्दे का दुरुपयोग होने की संभावना है, विशेष रूप से शेल कंपनियों के उपयोग के माध्यम से। हमारा मानना है कि इसे किसी अन्य तरीके से बेहतर तरीके से हासिल किया जा सकता है, अन्यथा, यह मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर जोखिम के साथ धोखाधड़ी को जन्म दे सकता है। ये बात आरबीआई के गवर्नर ने लिखी थी, लेकिन सरकार ने उनकी इस चिट्ठी को कूड़ेदान में फेंककर उन्हें हटा देती है। ये सब करने बाद सरकार ने इसपर मनी बिल का टैग लगा दिया... क्योंकि सरकार जानती थी कि ये राज्य सभा में पास नहीं हो पाएगा।

सिंघवी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, सबसे बड़ा मुद्दा है- लेवल प्लेइंग फ़ील्ड का। ये एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत जरूरी है, जो लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है। ये संविधन के मूल ढांचे का एक अभिन्न अंग है।  लेकिन, इलेक्टोरल बॉण्ड संविधान के उसी मूल ढांचे की नींव पर हमला करता है। इलेक्टोरल बॉण्ड स्कीम बीजेपी के पुराने जुमले का नया वर्जन है। खाऊंगा भी, चुराऊंगा भी....वसूली के लिए सताऊंगा भी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि, बीजेपी ने बताया है- छापा डालकर चंदे की वसूली कैसे होती है?  चंदा लेकर ठेका कैसे बांटा जाता है? भ्रष्टाचारियों को धोने वाली वाशिंग मशीन कैसे काम करती है?

इसलिए हम आशा करते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया द्वारा इस भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को समन किया जाएगा, उनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए जाएंगे और उसी आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

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