नई दिल्ली: लॉकडाउन में मजदूरों के किराए पर चल रही सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मजदूरों के किराए पर घिर चुकी केन्द्र सरकार चुप है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस बीच बड़ा एलान कर दिया है. सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार मजदूरों से किसी तरह का कोई किराया नहीं लेगी. मजदूरों के घर वापसी पर मजदूरों को क्वारंटीन सरकार करेगी और उसके बाद से मजदूरों को एक-एक हजार रूपये की सहायता राशि दी जाएगी. सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'मैं बिहार के लोगों को वापस भेजने के सुझाव पर विचार करने के लिए केंद्र को धन्यवाद देना चाहता हूं. अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को वापस बिहार भेजने के लिए केंद्र को शुक्रिया. किसी को भी टिकट के लिए भुगतान नहीं करना पड़ेगा. उनके लिए यहां क्वारनटीन सेंटर बनाया गया है.
इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि हम शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है. सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी. तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘15 साल वाली डबल इंजन सरकार बिहारी मज़दूरों को वापस नहीं लाने के बहाने खोजकर टाल-मटोल कर रही है. 5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे है. कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते है. नीतीश सरकार की मंशा मज़दूरों को वापस लाने की कतई नहीं है. वहीं, दूसरी ओर नीतीश कुमार की घोषणा के बाद से छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी मजदूरों से किराया नहीं लेने का एलान किया है. मजदूरों के किराए पर केन्द्र लगातार विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं समेत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है.
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