सुप्रीम कोर्ट ने राफेल खरीद मामले में मोदी सरकार को क्लीनचिट दे दी है और इसे पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव प्रचारों के दौरान पीएम मोदी ने रक्षा सौदो में पारदर्शिता को अपनी सरकार की उपलब्धि के तौर पर बताया था। पीएम ने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस शासनकाल में अगुस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद, 2जी और कोलगेट मामलों में भ्रष्टाचार पर भी जमकर प्रहार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल खरीद जांच की सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट की दिलचस्पी कीमतों की डिटेल लेने में नहीं है। सरकार ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को इससे संबंधित डिटेल जरूर सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने डील को ठीक ठहराते हुए इसे करने की प्रक्रिया पर भी कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। सरकार ने दावा किया था कि यूपीए सरकार राफेल निर्माता कंपनी दसॉ और एचएएल के बीच कीमतों और उत्पादन को लेकर जो भी शंकाएं थीं, उनका समाधान नहीं कर सकी।
राफेल में भ्रष्टाचार के आरोप को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जोर-शोर से उठाया। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान और उससे पहले भी कांग्रेस पार्टी राफेल खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है।
पीएम मोदी की उद्योगपति अनिल अंबानी से निकटता और रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने के लिए पीएमओ के दखल का दावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किया था। कांग्रेस ने यूपीए के दौरान की डील की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा था।
कांग्रेस के आरोपों के जवाब में केंद्र सरकार ने भी जमकर पलटवार किया। सरकार ने यूपीए सरकार पर राफेल डील करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि सालों की मेहनत और नेगोशिएशन के बाद भी यूपीए सरकार डील करने में नाकाम रही, जबकि वायुसेना को तत्काल राफेल विमान की जरूरत थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल के बहाने राहुल गांधी और उनके परिवार पर जमकर निशाना साधा था। कांग्रेस शासनकाल में रक्षा सौदे में बिचौलिए की भूमिका और भ्रष्टाचार के केस उठाकर पीएम ने पलटवार किया था।
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