सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नागरिकता बिल

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नागरिकता बिल

नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 की संवैधानिकता का सवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। केरल का राजनीतिक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दायर कर विधेयक को चुनौती दी है।

सिटिजनशिप (अमेंडमेंट) बिल को लोकसभा के बाद कल राज्यसभा ने भी मंजूरी दे दी। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो जाएगा जिससे तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम धर्मावलंबियों को आसानी से नागरिकता मिल जाएगी।

मुस्लिम लीग समेत बिल का विरोध करने वाले तमाम पक्ष इसे धार्मिक आधार पर विभाजनकारी बता रहे हैं। मुस्लीम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि यह धर्म के आधार पर भेदभावकारी है। साथ ही, दावा किया जा रहा है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत 'विधि के समक्ष समता के अधिकार' की अवहेलना करता है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में आइयूएमल की इस याचिका पर पैरवी कर सकते हैं।

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