माता-पिता की लड़ाई में हमेशा बच्चों को नुकसान होता है : सुप्रीम कोर्ट

माता-पिता की लड़ाई में हमेशा बच्चों को नुकसान होता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तलाक पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि माता-पिता की लड़ाई में हमेशा बच्चों को ही नुकसान होता है, और वे इसकी भारी कीमत चुकाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट नेमंगलवार कोतलाक पर कड़ा रूख अपनाया हैं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि माता-पिता के तलाक होने से हमेश बच्चों को नुकसान होता है, वह अपने माता-पिता के प्यार से वंचित रह जाते हैं जबकि इसमें बच्चो की कोई गलती नहीं होती।

सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों के अधिकारों का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि वे माता-पिता दोनों के प्यार और स्नेह के हकदार होते हैं। कोर्ट ने कहा कि तलाक होने से माता-पिता की उनके प्रति जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि संरक्षण के मामले पर फैसला करते समय अदालतों को बच्चे के सर्वश्रेष्ठ हित को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि संरक्षण की लड़ाई में वही पीड़ित है और अगर मध्यस्थता की प्रक्रिया के माध्यम से वैवाहिक विवाद नहीं सुलझता है, तो अदालतों को इसे जल्द सुलझाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि इसमें लगने वाले हर दिन के लिए बच्चा बड़ी कीमत चुका रहा होता है।

इस मामले में पीठ ने निर्देश दिया कि स्थानीय अदालत तलाक याचिका पर इस साल 31 दिसंबर तक फैसला सुनाए, अदालत ने न्यायालय ने मार्च, 2017 में आदेश दिया था कि बच्चों को बोर्डिंग स्कूल में रखा जाए क्योंकि उनका अपने माता-पिता में से किसी एक के पास रहना उनके लिए हितकारी नहीं है।

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