"नहीं पढ़ी जाएगी जनाजे की नमाज", आतंकियों के खिलाफ चीफ इमाम ने जारी किया फतवा

Dr. Umar Ahmed Ilyasi: ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक महत्वपूर्ण फतवा जारी कर कहा है। इस फतवे में स्पष्ट कहा, कि भारत में मारे गए किसी भी आतंकवादी को देश की जमीन पर दफन नहीं किया जाएगा। और न ही उनके जनाजे की नमाज पढ़ी जाएगी। यह फतवा हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जारी किया गया। जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस कदम को आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता और कठोर नीति के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश
साथ ही चीफ इमाम डॉ. इलियासी ने कहा- "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। यह भारत की आत्मा पर हमला है। आतंकवादी शैतान हैं। और उनके साथ वैसा ही व्यवहार होगा। उन्होंने देश की साढ़े पांच लाख मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज के दौरान पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए दुआ करने और आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देने की अपील की। इस फतवे में यह भी कहा गया कि आतंकी संगठनों को अपने नाम से 'इस्लाम' या 'मोहम्मद' जैसे शब्द हटा लेना चाहिए। क्योंकि ये इस्लाम की शिक्षाओं का दुरुपयोग करते हैं।
लव जिहाद और बलूचिस्तान पर बयान
डॉ. इलियासी ने लव जिहाद पर भी टिप्पणी की, 'जो शादी समाज में होती हैं, उनमें बरकत होती है। जिहाद जैसे शब्द ही नापाक हैं। जिन शादियों से फसाद फैलता हो, उससे बचना चाहिए। साथ ही उन्होंन बलूचिस्तान की आजादी का भी समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान का अन्याय अब बर्दाश्त नहीं होगा।
सरकार और समाज का रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। पीएम मोदी ने कहा, "140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति आतंक के आकाओं की कमर तोड़ेगी।" और वहीं, अमित शाह ने चेतावनी दी कि आतंकियों को चुन-चुनकर जवाब दिया जाएगा। इस फतवे को सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी खुब समर्थन मिल रहा है। क्योंकि यह आतंकवाद को सामुदायिक समर्थन से वंचित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Leave a comment