नई दिल्ली: एक तरफ देश जहां, कोरोना जैसी विश्वव्यापी महामारी से जंग लड़ रहा है तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के सुकमा से सदमे में डालने वाली ख़बर सामने आई. बता दें कि सुकमा में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ. जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 14जवान घायल हो गए है. बताया जा रहा है कि अभी भी 17 जवान लापता है. लापता जवानों की लगातार तलाश की जा रही है. सेना के डीआरजी-एसटीएफ के जवानों को पहली बार इतना बड़ा नुकसान हुआ है. शहीद होने वाले जवानों में एसटीएफ और डीआरजी के जवान शामिल हैं. घायल जवानों को रायपुर रेफर किया गया है.
दरअसल, पुलिस और नक्सलियों के बीच खूनी संघर्ष की घटना शनिवार को ढाई बजे सामने आई. घटना कोराजगुड़ा के चिंतागुफा इलाके की है जहां, सशस्त्र बल और पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई शुरू की. इस ऑपरेशन में पुलिस की डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स और कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन) बटालियन ने एक साथ मोर्चा संभाला. संयुक्त टीम को एल्मागुंडा के नजदीक नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद संयुक्त टीम ने वहां जाकर ऑपरेशन चलाया.
आपको बता दें कि एल्मागुंडा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 450 किमी दूरी पर स्थित है. संयुक्त टीम के अधिकारी ने कहा, ग्राउंड इनपुट के आधार पर ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कम से कम 5 नक्सली मारे गए हैं और इतनी ही संख्या में घायल भी हैं. सशस्त्र बल ने भी नक्सलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. शुरू में हालांकि 13 जवानों से संपर्क नहीं हो पाया था जो इस कार्रवाई में शामिल थे. तकरीबन 150 सुरक्षा अधिकारी उनकी तलाश में जंगलों में लगाए गए थे. बाद में शहीद जवानों के शव बरामद किए गए. शहीदों के शव को उनके परिजनों को सौंपने की तैयारी की जा रही है.
Leave a comment