Central Government Lockdown Update: लाॅकडाउन पर और सख्त हुई सरकार, क्या सील हो जाएंगी राज्य और जिलों की सीमाएं, जानें ?

Central Government Lockdown Update: लाॅकडाउन पर और सख्त हुई सरकार, क्या सील हो जाएंगी राज्य और जिलों की सीमाएं, जानें ?

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अब लाॅकडाउन पर अपना रुख और कड़ा कर लिया है. राज्यों को सख्ती से लॉकडाउन पालन कराने का निर्देश दिया गया है. केंद्र ने कहा है कि लॉकडाउन लागू कराना जिले के डीएम और एसपी की जिम्मेदारी है. केंद्र ने राज्यों को कहा है कि प्रवासी मजदूरों के लिए सभी इंतजाम किए जाएं जहां वे मौजूद हैं. केंद्र ने सरकार ने कहा कि मजदूरों को वक्त पर वेतन दिया जाए. सरकार ने कहा है कि अगर कोई छात्रों और मजदूरों को घर खाली करने को कहता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. दरअसल देश के कई इलाकों में मकान मालिक मजदूरों से किराए की मांग करने लगे थे और उन्हें घर खाली करने की बात भी सामने आने लगी थी जिसके बाद सरकार ने यह सख्त ऐलान किया है. 
 
लाॅकडाउन को और सख्त बनाने के पीछे सरकार की मंशा है कि संक्रमण की बढ़ती रफ्तार में किसी भी कीमत पर रोक लगाई जाए. हालांकि दिल्ली एनसीआर में हालात खराब हो रहे थे और मजदूर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. सरकार इनको घर पहुंचाने की अब व्यवस्था कर रही है और इन पर नजर भी रखी जा रही है कि ये जब गांव वापस पहुंचे तो इनको क्वांटाइन किया जा सके. केंद्र ने कहा है कि राज्य और जिले के बॉर्डर पूरी तरह से सील किये जाएं, ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य में और एक जिले से दूसरे जिले में लोग आवागमन न कर पाए. हाईवे पर किसी तरह का आवागमन न हो. संड़कों पर सिर्फ सामान ढोने वाले गाड़ियों की आवाजाही की अनुमति होगी.
 
केजरीवाल सरकार पर सवाल
 
इधर शनिवार शाम को दिल्ली के आनंद विहार में लोगों का ऐसा हुजूम उमड़ा था, जिसने सबको हैरान कर दिया था जिससे सरकार भी परेशान हो गई थी. इससे पहले दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर भी सैकड़ों लोगों की भीड़ पैदल ही अपने घरों को जाती दिखी. दिल्ली सरकार ने इनको यूपी बॉर्डर तक तो छुड़वा दिया लेकिन इन्हें राजधानी में ही नहीं रोक सकी. बाद में यूपी सरकार को भी इनके लिए तमाम व्यवस्थाएं करनी पड़ीं और कई बसें चलाकर यूपी बिहार के कई इलाकों तक छोड़ा जा रहा है.
 
इस बीच इस बात को लेकर केजरीवाल सरकार पर सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर सरकार ने इन मजदूरों को रोका क्यों नहीं और इतनी बड़ी संख्या में मजदूर लॉकडाउन के बावजूद इकट्ठे कैसे हो गए? इन मजदूरों में से ज्यादातर का कहना है कि उनकी नौकरी चली गई और ऐसा कोई नहीं था जो हमें खाने के लिए देता ऐसे में घर जाना ही बेहतर है.
 
बहरहाल आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों को परेशानी पर मन की बात में माफी भी मांगी और कहा कि वे समझते हैं कि कोई भी जान बूझकर कानून नहीं तोड़ना चाहता है. लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि वे ऐसे लोगों से कहना चाहते हैं कि अगर वे लॉकडाउन का पालन नहीं करते हैं तो इस बीमारी का पालन करना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को न मानने वाले लोग अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.
 
 

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