वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबीनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में बिल लेकर आएगी मोदी सरकार

वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबीनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में बिल लेकर आएगी मोदी सरकार

One Nation One Election: केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन, वन इलेक्शन को मंजूरी दे दी है। संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार सदन में बिल पेश करेगी। बता दें कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हो रही थी। लंबे वक्त से केंद्र सरकार इसको लेकर कवायद कर रही थी। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी। 

क्या है वन नेशन वन इलेक्शन ?                 

वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब होता है। एक देश एक चुनाव यानी देश में एक साथ सारे राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ होना। केंद्र सरकार और भाजपा इसकी मांग लंबे वक्त से कर रही है। केंद्र सरकार का मनना है कि इसके जरिए देश में होने वाले चुनाव में पैसे कम खर्च होंगे। लोगों को परेशानी कम होगी और समय की बचत होगी। हालांकि विपक्षी दल इस बात को नकारती ही है।

लाल किले से पीएम मोदी ने किया था ऐलान                    

मोदी सरकार के सौ दिल पूरे होने पर गृह मंत्री ने इस बात के संकेत दिए थे। उन्होंने उस दौरान वन नेशन वन इलेक्शन की बात को दोहराया था। अब संसद के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव पर विधेयक पेश किया जाएगा। बता दें कि मोदी सरकार पिछले कार्यकाल से ही एक देश एक चुनाव की बात कर रही है। पीएम मोदी ने खुद कई मौको पर और चुनावी जनसभा में भी वन नेशन वन इलेक्शन की बात कही है। बीते 15अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने लाल किले से इस बात को दोहराया था। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं।       

रामनाथ कोविंद की समिति ने सौंपी रिपोर्ट                    

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर समिति बनाई थी। जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे थे। रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने इसी साल 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। वन नेशन वन इलेक्शन की यह रिपोर्ट 18 हजार 626 पेज की है।

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