Wholesale Inflation: थोक महंगाई दर में हल्की तेजी, जनवरी के 2.31% से बढ़कर 2.38% पर पहुंची

Wholesale Inflation: थोक महंगाई दर में हल्की तेजी, जनवरी के 2.31% से बढ़कर 2.38% पर पहुंची

Wholesale Inflation: फरवरी महीने के थोक महंगाई (WPI) के आंकड़े जारी हो गए हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में थोक महंगाई दर 2.38% हो गई, जो जनवरी में 2.31% थी। यह दर उन चीजों की कीमतों में बदलाव को दर्शाती है, जो थोक बाजार में खरीदी-बेची जाती हैं। इसे थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के जरिए मापा जाता है।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 के पहले महीने में महंगाई बढ़ने की वजह खाने-पीने की चीजों, रोजमर्रा की जरूरतों, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स और कपड़ों के दाम बढ़ना रही। हालांकि, फरवरी में खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट आई है, जिससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।

खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट

WPI खाद्य सूचकांक के अनुसार, दिसंबर में खाद्य महंगाई दर 8.89% थी, जो जनवरी में घटकर 7.47% हो गई और अब फरवरी में यह 5.94% तक आ गई है।

इसके अलावा, जरूरी चीजों की महंगाई भी जनवरी के 4.69% से घटकर फरवरी में 2.81% हो गई। पेट्रोल-डीजल और बिजली की थोक कीमतों में भी गिरावट आई है। फरवरी में इसमें 0.71% की कमी आई, जबकि जनवरी में यह गिरावट 2.78% रही थी।

खुदरा महंगाई में भी राहत

फरवरी में फैक्ट्री में बनने वाले सामान की कीमतों में 2.86% की बढ़ोतरी हुई, जबकि जनवरी में यह बढ़ोतरी 2.51% थी। हालांकि, खुदरा महंगाई में कुछ राहत देखने को मिली है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.61% हो गई, जो जनवरी में 4.31% थी। यह पिछले सात महीनों का सबसे निचला स्तर है। इस गिरावट की मुख्य वजह खाने-पीने की चीजों के दाम में आई कमी है। खाद्य महंगाई, जो CPI (Consumer Price Index) का बड़ा हिस्सा होती है, फरवरी में 5.97% से घटकर 3.75% हो गई।

आने वाले दिनों में महंगाई में उतार-चढ़ाव संभव

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में महंगाई में बदलाव हो सकता है। खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट से लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन अन्य चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी चिंता का कारण बनी हुई है। सरकार और रिजर्व बैंक महंगाई के रुझानों पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर कदम उठाएंगे।

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