नई दिल्ली: देश इस समय कोरोना वायरस को लेकर घुटनों के बल आ गया है लगातार बढ़ते कोरोना के केस को लेकर सरकार को लॉकडाउन में छूट देनी पड़ी, क्योंकि देश की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी. इन सबके इतर कांग्रेस और बीजेपी प्रवासी मजदूरों को लेकर वार प्रतिवार करने में जुट गए है. जिससे मजदूरों को वापिस लाने के लिए बसों पर राजनीति हो रही है. बता दें कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बस चलाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को एक बार फिर पत्र लिखा है. गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस मजदूरों के लिए प्रबंध कर रही है. इसके बाद कांग्रेस बसों को लेकर यूपी पहुंची. जिसके बाद शुरू हुई चिट्ठी वाली राजनीति. कांग्रेस लगातार सरकार को चिट्ठी लिखकर आरोप लगा रही है कि हमें बसों को लेकर यूपी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है. यह चिट्ठी करीब तीन बार लगा लिखी गई है.
अब कांग्रेस ने यूपी के मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा कि आगरा प्रशासन तीन घंटे से बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है. उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की अनुमति दी जाए. दूसरी ओर, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमका रही है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार के आरटीओ हमारे ट्रांसपोर्टरों को धमकी दे रहे हैं, जिन्होंने बसें उपलब्ध कराई हैं. इससे पहले प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा था कि ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लगा है. वहीं, कांग्रेस की इस राजनीति पर बीजेपी सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की बसों में सिर्फ 69 एंबुलेंस और 31 ऑटो है. जिसको लेकर कांग्रेस राजनीति कर रही है. कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों के साथ धोखा किया है. पहले कांग्रेस ने वादा किया और मजदूरों का ऑटो से मजाक कर रही है.
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