देश के ऐसे वित्त मंत्री जो संसद में नहीं पढ़ सके बजट, दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

देश के ऐसे वित्त मंत्री जो संसद में नहीं पढ़ सके बजट, दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

Budget 2025: कुछ ही दिनों में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेगी। अभी तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है। बता दें, उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 10 बार बजट पेश किया था। इसके बाद दूसरे नंबर पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम आते है। जिन्होंने 9 बार बजट पेश किया है। लेकिन क्या आप जानते है देश के तीन वित्त मंत्री ऐसे भी रहे जिन्हें संसद में एक बार भी बजट पेश नहीं किया। 

इस लिस्ट में पहला नाम केसी नियोगी का है। दूसरा नाम एच एन बहुगुणा का है। जबकि तीसरा नाम नारायण दत्त तिवारी का है। आइए जानते है कि ऐसा क्या हुआ कि ये तीनों पूर्व वित्त मंत्री अपने कार्यकाल में बजट पेश नहीं कर सके।

केसी नियोगी

अगस्त 1948 में केसी नियोगी देश के दूसरे वित्त मंत्री बने थे। उनसे पहले देश के पहले वित्त मंत्री आर. के. शनमुखम थे। इसी के साथ केसी नियोगी देश के पहले फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन बने थे। बता दें, केसी नियोगी वित्त मंत्री के पद पर ज्यादा दिनों तक नहीं रहे। उन्होंने महज 35 दिनों में ही अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसलिए इस अवधि के दौरान उन्हें अपना बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला। लेकिन आज भी केसी नियोगी को आजाद भारत के दूसरे वित्त मंत्री के रूप में जाना जाता है।

हेमवती नंदन बहुगुणा

साल 1979 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में हेमवती नंदन बहुगुणा को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि, देश के 13वें वित्त मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 28 जुलाई 1979 से 25 अक्टूबर 1979 तक ही रहा। यानी वह सिर्फ 3 महीनों तक ही वित्त मंत्री के पद पर रहे।

नारायण दत्त तिवारी

नारायण दत्त तिवारी का कार्यकाल लंबा होने के बावजूद बजट पेश नहीं कर पाए। नारायण दत्त तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश और फिर उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री रहे। भारतीय राजनीति का बड़ा नाम होने के बाद भी वह वित्त मंत्री के रूप में बजट भाषण नहीं दे सके। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तिवारी को 1987-88 में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन आम बजट पेश करने का काम उन्हें नहीं दिया गया।

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