Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में उठी राष्ट्रगान और संविधान बदलने की मांग , यूनुस सरकार के लिए मुश्किल की घड़ी
Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हिंसा की आग थमी नहीं की यूनुस सरकार के सामने नई मुसिबत आ खड़ी हो गई है। बांग्लादेश में नई मांग के बाद फिर माहौल गरमा गया है। अब बांग्लादेश में राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' को बदलने की मांग की गई है। बता दें कि जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने बांग्लादेश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव की मांग कर दी है।
भारत ने हम पर राष्ट्रगान थोपाः अमान आजमी
जनरल अमान आजमी ने कहा कि मैं राष्ट्रगान का मामला इस सरकार पर छोड़ता हूं। हमारा वर्तमान राष्ट्रगान हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के उलट है। यह बंगाल विभाजन और दो बंगालों के विलय के समय को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि दो बंगालों को एकजुट करने के लिए बनाया गया एक राष्ट्रगान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे हो सकता है ? आजमी ने आगे कहा कि यह राष्ट्रगान 1971 में भारत द्वारा हम पर थोपा गया था। सरकार को एक नया राष्ट्रगान चुनने के लिए एक नए आयोग का गठन करना चाहिए । बता दें कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान को प्रसिद्ध बंगाली रचनाकार रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था।
बांग्लादेश सरकार ने नहीं बदलने की बात कही
बांग्लादेश की यूनुस सरकार में धार्मिक मामलों के सलाहकार अबुल फैज मुहम्मद खालिद हुसैन ने शनिवार यानी 7 सितंबर को कहा कि देश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है। पद्मा नदी के उत्तरी तट पर राजशाही में इस्लामिक फाउंडेशन का दौरा करने के बाद स्थानीय मीडिया ने हुसैन के हवाले से कहा कि अंतरिम सरकार विवाद पैदा करने के लिए कुछ नहीं करेगी। हम सभी के सहयोग से एक अच्छे बांग्लादेश का निर्माण करना चाहते हैं।
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार जारी
वहीं बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाले हमले अभी भी जारी हैं। इसपर हुसैन ने आश्वासन दिया कि जो लोग ऐसे जघन्य कृत्यों के लिए दोषी पाए जाएंगे, उन्हें मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा दंड दिया जाएगा। जो लोग पूजा स्थलों पर हमला करते हैं, वे मानवता के खिलाफ हैं। वे अपराधी हैं और उन पर मौजूदा कानूनों के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
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