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पीएम मोदी ने रखी राम मंदिर की आधारशिला
70 सालों में कई पीएम नहीं कर सके रामलला के दर्शन
पीएम मोदी ने रचा आज स्वर्णिम इतिहास
अयोध्या: देश के 70 सालों के राजनीतिक इतिहास में ऐसे कई प्रधानमंत्री रहे है, जो जीते जी अयोध्या तो गए पर कभी राम लला के दर्शन नहीं कर पाए है. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय इतिहास के ऐसे प्रधानमंत्री बन गए जो अयोध्या गए भी और राम मंदिर की आधारशिला भी रखी. इससे पहले देश के जितने भी प्रधानमंत्री हुए वह अयोध्या गए जरूर लेकिन, ना वो राम मंदिर की नींव रख सके और ना ही राम लला के दर्शन कर सके. आज इन्हीं प्रधानमंत्रियों के बारे में हम आपको बता रहे है.
1.इंदिरा गांधी
देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1966 में अयोध्या का दौरा किया था. सरयू पुल का लोकार्पण करने इंदिरा गांधी अयोध्या पहुंची थीं. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वो वापस लौट आईं थीं. इसके बाद दूसरी बार 1979 में इंदिरा गांधी का अयोध्या दौरा हुआ था, तब उन्होंने हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली का दर्शन, पूजा अर्चना की थी. इसके बाद साल 1975 में वह तीसरी बार अयोध्या जरूर गई लेकिन, वह तब भी राम लाल के दर्शन नहीं कर पाई.
2.राजीव गांधी
इंदिरा गांधी के बाद प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी भी दो बार अयोध्या गए और एक बार प्रधानमंत्री नहीं रहते हुए अयोध्या गए लेकिन, रामलला के दर्शन नहीं कर पाए. राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते 1986 में बाबरी मस्जिद का ताला खुला और 1989 में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया. 1984 में राजीव गांधी ने अयोध्या में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था. इसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी ने अयोध्या से अपने चुनावी अभियान का आगाज किया था.
बताया जाता है कि रामराज्य की घोषणा के पीछे राजीव गांधी की मंशा राजनीतिक लाभ लेने की थी. इसके बाद विपक्ष में रहते हुए राजीव गांधी 1990 में सद्भावना यात्रा के दौरान अयोध्या आए, लेकिन रामलला का दर्शन-पूजन नहीं किया था. हालांकि साल 2016 में राहुल गांधी और 2019 प्रियंका वाड्रा ने यहां आने पर हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली का दर्शन पूजन किया था.
3. अटल बिहारी वाजपेयी
बता दे, कि बीजेपी से प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी भी रामलला के दर्शन और हनुमानगढ़ी की पूजा अर्चना नहीं कर पाए. अटल बिहारी वाजपेयी साल 2003 में मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे रामचंद्रदास परमहंस के निधन पर वह अयोध्या आए थे. सरयू के तट पर उन्होंने परमहंस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि राममंदिर का सपना अवश्य पूरा होगा. वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते यह सपना पूरा नहीं हुआ.
आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 70 सालों के इतिहास में अपना दर्ज कराया है. राम मंदिर की आधारशिला रखने के साथ ही आज इतिहास ने खुद को ही दोहरा दिया है. राम मंदिर पूजन तक पहुंचने के लिए कई शताब्दियों से गुजरना पड़ा है. कितने ही रामभक्तों ने अपना बलिदान दिया है.
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