Delhi Vidhan Sabha Chunav: दिल्ली में BJP ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है और आम आदमी पार्टी (AAP) को हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान BJP ने अपने CM उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी और प्रचार पीएम मोदी के नेतृत्व में किया था। अब जब दिल्ली में BJPने जीत हासिल की है, सवाल यह है कि CMचेहरा कौन होगा?
BJPके दिल्ली प्रमुख, सचदेवा ने शनिवार को CMचेहरे के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा।
CMपद की दौड़ में ये नेता हैं शामिल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJPकी जीत के बाद अब पार्टी में CMपद के कई दावेदार सामने आ रहे हैं। BJPजातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने का प्रयास करेगी, जैसा कि उसने कई राज्यों में डिप्टी CMके पद का प्रावधान किया है। दिल्ली में भी ऐसा किया जा सकता है।
BJPके अंदर अब दिल्ली में CMपद के लिए प्रवेश वर्मा, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, जितेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता के नाम प्रमुख रूप से लिए जा रहे हैं।
प्रवेश वर्मा
दिल्ली में CMपद के लिए सबसे प्रमुख नाम प्रवेश वर्मा का है। पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराकर BJPके लिए महत्वपूर्ण जीत हासिल की। वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और उनकी जीत ने उन्हें BJPमें एक प्रमुख नेता बना दिया है।
सतीश उपाध्याय
सतीश उपाध्याय, जो BJPके ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं, भी CMपद के दावेदार हैं। वह दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और दिल्ली युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए मजबूत उम्मीदवार बनाता है।
आशीष सूद
आशीष सूद, जो BJPके पंजाबी चेहरा हैं, भी CMपद के दावेदार माने जा रहे हैं। वह पहले पार्षद रहे हैं और दिल्ली BJPके महासचिव भी रह चुके हैं। फिलहाल वह गोवा के प्रभारी और जम्मू कश्मीर के सह प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
जितेंद्र महाजन
जितेंद्र महाजन ने रोहतास नगर विधानसभा सीट से जीत हासिल की है और वे CMपद की दौड़ में शामिल हैं। उन्हें वैश्य समाज का समर्थन प्राप्त है और वह आरएसएस से जुड़े हुए हैं।
विजेंद्र गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता, जो दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, भी CMपद की रेस में शामिल हैं। उन्होंने रोहिणी विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है और वे दिल्ली BJPके अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें BJPका वैश्य चेहरा माना जाता है।
अब सवाल यह है कि केंद्रीय नेतृत्व किसे चुनेगा?
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