भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्याग, तप और बलिदानों का इतिहास है- पीएम मोदी

भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्याग, तप और बलिदानों का इतिहास है- पीएम मोदी

नई दिल्ली:  आंध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीमावरम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद रहे। इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जन्म जयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ को पूरे वर्ष मनाया जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि आज जहां देश आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है तो साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती का अवसर भी है। संयोग से इसी समय देश की आज़ादी के लिए हुई रम्पा क्रांति के 100 साल भी पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी का संग्राम केवल कुछ वर्षों का, कुछ इलाकों का, या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। ये इतिहास, भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्याग, तप और बलिदानों का इतिहास है।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि सीताराम राजू गारू ने जब विदेशी हुकूमत के अत्याचारों के ख़िलाफ़ जंग शुरू की थी तब उनकी उम्र केवल 24-25 साल थी। 27 साल की छोटी उम्र में वे इस भारत माता के लिए शहीद हो गए। रम्पा क्रांति में भाग लेने वाले भी कितने ही नौजवानों ने ऐसे ही आयु में देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार, देश में आदिवासी गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आदिवासी संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में 'अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जन- जातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय' भी बनाया जा रहा है।

 

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