भारतीय मूल के अजय बंगा ने संभाला वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष का पद, पद्मश्री पुरस्कार से किए जा चुके हैं सम्मानित

भारतीय मूल के अजय बंगा ने संभाला वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष का पद, पद्मश्री पुरस्कार से किए जा चुके हैं सम्मानित

World Bank President: भारत अपने देश की मिट्टी की ताकत विदेशों में बड़े बड़ेसंस्थानों में बड़े बड़े पदों पर काबिज हो कर दिखा रहा है। एक फिर भारत का सिर गर्व से ऊंचा हो गया जब भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अजय बंगा को विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। अब अजय बंगा ने 2 जून 2023 से वर्ल्ड बैंक अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया है। इसके साथ ही वे दो ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की अध्यक्षता करने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति बन गए हैं। इससे पहले 3मई को विश्व बैंक के कार्यकारी निर्देशकों ने बंगा की नियुक्ति का ऐलान किया था। अजय बंगा ने इससे पहले मास्टरकार्ड के सीईओ के पद पर रह चुके हैं। उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस पद के लिए नॉमिनेट किया बंगा वर्ल्ड बैंक की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं। वे डेविड मालपास की जगह पर आए हैं, जिन्होंने फरवरी में इस्तीफा देने का फैसला किया था।

जो बाइडन ने कही थी ये बात

अजय बंगा का विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल पूरे 5साल का होगा। उनके पास वित्तीय और डेवलपमेंट के कार्य को संभालने का अच्छा अनुभव है। बंगा को नॉमिनेट करते वक्त जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करने का अच्छा खासा अनुभव है। इसके साथ ही वर्ल्ड बैंक ने अधिकारिक बयान में कहा है कि बैंक बंगा के साथ काम करने के लिए उत्साहित है और विकासशील देशों की चुनौतियों को पार करते हुए सभी का उम्मीद को पूरा करने की कोशिश करेगा।

कौन हैं अजय बंगा

अजय बंगा का जन्म पुणे में 10 नवंबर 1959 को हुआ था। उनके पिता हरभजन सिंह बंगा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे। उन्होंने जालंधर और शिमला से स्कूलिंग, DU से ग्रेजुएशन और IIM अहमदाबाद से MBA किया है।पढ़ाई पूरी करने के बाद 1981 में उन्होंने नेस्ले इंडिया में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी जॉइन किया और 13 साल में मैनेजर बन गए।इसके बाद वे पेप्सिको के रेस्टोरेंट डिवीजन का हिस्सा बने। यह उदारीकरण का दौर था, जब बंगा ने भारत में पिज्जा हट और KFC के लॉन्च में बड़ी भूमिका निभाई।2016 में भारत सरकार उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित कर चुकी है।

 

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