भारत-चीन के बाद EU पर ट्रंप का निशाना, 50% टैरिफ का ऐलान... क्या है मकसद?

भारत-चीन के बाद EU पर ट्रंप का निशाना, 50% टैरिफ का ऐलान... क्या है मकसद?

US President: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत को हलचल कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने यूरोपीय यूनियन (EU) से सभी आयात पर 1 जून 2025 से 50% टैरिफ और विदेश में निर्मित स्मार्टफोनों, जिसमें एप्पल का iPhone भी शामिल है इन सब पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। इस कदम ने वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट ला दी और ट्रेड वॉर की आशंकाओं को और गहरा कर दिया।
 
ट्रंप का मकसद
ट्रंप का कहना है कि यह टैरिफ नीति अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, “यूरोपीय यूनियन के साथ हमारी व्यापार वार्ताएं कहीं नहीं पहुंच रही हैं। वे हमारे उत्पादों के साथ अन्याय कर रहे हैं।” ट्रंप का मानना है कि EU और अन्य देशों द्वारा अमेरिकी सामानों पर लगाए गए उच्च टैरिफ के जवाब में यह कदम जरूरी है। उनका लक्ष्य अमेरिकी उद्योगों को मजबूत करना और नौकरियां बढ़ाना है।
 
भारत और चीन के बाद अब EU
ट्रंप ने पहले भारत और चीन जैसे देशों पर उच्च टैरिफ लगाए थे। भारत पर 26% और चीन पर 54% तक टैरिफ लागू हैं। अब EU को निशाना बनाकर ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी देश को अमेरिका का शोषण करने की इजाजत नहीं देंगे। जानकारों का कहना है कि इससे कार, फार्मास्यूटिकल्स और विमान जैसे उत्पाद महंगे हो सकते हैं, जिसका बोझ अंततः अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है।
 
वैश्विक बाजारों पर असर
ट्रंप के इस ऐलान के बाद अमेरिकी और यूरोपीय शेयर बाजारों में 2-3% की गिरावट दर्ज की गई। विशेष रूप से एप्पल के शेयरों में 3% की कमी आई। क्योंकि कंपनी को अब अमेरिका में उत्पादन बढ़ाने या 25% टैरिफ का सामना करने की चेतावनी दी गई है। साथ ही सोने की कीमतों में भी उछाल देखा गया जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता का संकेत है। यूरोपीय यूनियन के प्रवक्ता ने कहा कि वे ट्रंप के साथ व्यापार वार्ता के नतीजों का इंतजार करेंगे। लेकिन जवाबी टैरिफ की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।
 
भारत के लिए मौका
इस नीति से भारत जैसे उभरते बाजारों को फायदा हो सकता है। क्योकि निवेशक रुचिर शर्मा के अनुसार ट्रंप की नीति से भारत अपने निर्यात को EU और खाड़ी देशों की ओर मोड़ सकता है। और ट्रंप की इस आक्रामक टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मचा दी है। यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास है, लेकिन इसके जवाबी टैरिफ और वैश्विक मंदी की आशंका भी बढ़ रही है।

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