आखिर क्यों युवाओं में बढ़ रहा हार्ट आटैक का खतरा, क्या ये हैं कोविड के साइड अफेक्ट ?

आखिर क्यों युवाओं में बढ़ रहा हार्ट आटैक का खतरा, क्या ये हैं कोविड के साइड अफेक्ट ?

Heart Attack Case: हृदय रोगों का खतरा दुनियाभर में बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। कम उम्र के लोग यहां तक 20 से कम आयु वालों में भी पर खतरा आने लगा है। आप भी अक्सर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की घटनाओं के बारे में रुबरु होते होंगे। हाल के वर्षों में ऐसी खबरें अधिक सुनने को मिली जिसे सुन लोग चौंक गए।

गुरुवार यानी 3 अक्टूबर को भी ऐसा ही मामला सामने आया। जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और सुरनकोट से भाजपा उम्मीदवार का निधन हो गया। बीजेपी उम्मीदवार सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी का हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। इससे पहले मंगलवार यानी एक अक्तूबर को हैदराबाद के एक शोरूम में घटना हो गई। शोरुम खरीदारी करते समय 37 वर्षीय व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

साल 2010 में कम थे मामले

हार्ट अटैक को लेकर सामने आ रहे आंकड़े काफी डराते हैं। नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स ने भी एक रिपोर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में 18 से 44 वर्ष की आयु के केवल 0.3% अमेरिकी वयस्कों को दिल का दौरा पड़ा था। इस आयु वर्ग में हार्ट अटैक के मामले अभी भी कम पाए जाते हैं।  हालांकि पिछले चार-पांच वर्षों में इसमें बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टर के मुताबिक अगर वजन को कंट्रोल कर लिया जाए तो हृदय रोगों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

युवाओं में बढ़ रही आशंकाएं

एनसीएचएस डेटा से पता चलता है कि वृद्ध लोगों में दिल के दौरे के मामले ज्यादा आते हैं। हालांकि कई कारणों से युवा आबादी भी इसका शिकार होती जा रही है। कोलंबिया विश्वविद्यालय में हृदय रोग विशेषज्ञ और महामारी विज्ञानी डॉ. एंड्रयू मोरन ने भी अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में बढ़ते हार्ट अटैक और हृदय रोगों के मामलों के लिए मोटापा की समस्या को एक कारक माना जा सकता है। उनका कहना है कि वैसे तो मोटापा का समस्या सभी आयु वर्ग के लोगों में देखी जा रही है पर युवा आबादी में इसका जोखिम ज्यादा बढ़ गया है।                    

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