तालिबान ने जारी किया तुगलकी फरमान, महिला समाचार एंकरों को इस काम के लिए किया मजबूर

तालिबान ने जारी किया तुगलकी फरमान, महिला समाचार एंकरों को  इस काम के लिए किया मजबूर

नई दिल्लीअफगानिस्तान में अब तालिबान ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। मानवाधिकारों को अपने फरमानों जरिए तालिबान ने कुचलना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जारी एक फरमान को लेकर तालिबानी शासकों की सख्ती के बाद अब अफगानी चैनलों ने सिर झुकाकर स्वीकार कर लिया है।

यह ताजा फरमान अपने बिना चेहरा ढके फीमेल एंकर्स को न्यूज रूम में ऑन एयर होने की अनुमति नहीं देगा।तालिबान ने अब अफगानिस्तान में अपने फरमाना सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है। अब फीमेल टीवी एंकर्स को ऑन एयर होने ने पहले अपने चेहरे नकाब लगाना अनिवार्य होगा। रविवार को सख्ती के बाद अधिकतर चैनल अब तालिबनी फरमान का पालन कर रहे हैं। वहीं तालिबान के इस कठोर कदम ने मानवाधिकार संगठनों ने निंदा की है।

रविवार को इस आदेश को सख्ती से पालन करने को कहा गया। इसके बाद अधिकतर मीडिया संस्थानों में महिला टीवी एंकर्स अपने चेहरे को ढंककर खबर पढ़ते देखा गया। एक टीवी एंकर सोनिया नियाजी ने कहा, 'यह सिर्फ एक बाहरी संस्कृति है, जो हम पर थोपी जा रही है। ये हमें चेहरा ढंकने को मजबूर करता है।' उन्होंने कहा कि इससे प्रोग्राम के समय हमें काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। एक स्थानीय मीडिया संस्थान का कहना है कि उन्हें बीते हफ्ते आदेश मिला था, लेकिन रविवार को इस आदेश को लागू करने के लिए मजबूर किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले भी तालिबान शासकों ने महिलाओं को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।

1996-2001 तक अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार ने महिलाओं पर तरह की पाबंदी लगाई थी। इनमें बुर्का पहनने को अनिवार्य किया गया था। इसके साथ उन्हें सार्वजनिक जीवन से प्रतिबंधित कर दिया गया था। अगस्त 2021 में एक बार फिर से सत्ता में वापसी होने के बाद तालिबान ने शुरू में प्रतिबंधों को कुछ हद तक कम कर दिया था। महिलाओं के लिए किसी भी तरह के ड्रेस कोड की व्यवस्था नहीं की गई थी। मगर हाल के कुछ हफ्तों में तालिबानी शासकों की ओर  से एक के बाद एक प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।

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