अटल जी हो गए थे 'स्पीचलेस'

अटल जी हो गए थे 'स्पीचलेस'

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने प्रखर भाषणों के लिए जाने जाते थे। उनके भाषण ऐसे होते थे जो लाखों लोगों के अंदर जोश और उत्साह भर देते थे लेकिन बहुत ही कम लोग हैं जो यह जानते हैं कि एक बार वह निःशब्द हो गए थे।

यह 1934 का वह दिन था जब वह मध्य प्रदेश के उज्जैन में बारनगर टाउन में हुई वाद-विवाद प्रतियोगिता में वह हिस्सा ले रहे थे। वाद-विवाद के दौरान वह अपने सहपाठियों के सामने मुंह बंद करके खड़े रहे। बाद के दिनों में खुद वाजपेयी ने माना कि इस घटना ने उनका जीवन बदल दिया। 1996 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक रैली में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि वह अपने जीवन का पहला भाषण पूरा नहीं कर पाए थे लेकिन यह वह क्षण था जिसके बाद उनका जीवन बदल गया। वाजपेयी ने कहा था, 'मैंने इस घटना के बाद एक पाठ सीखा, जिसने मेरा जीवन बदल दिया। मैंने एक प्रतिज्ञा ली कि अब मैं कभी भी भाषण याद करके नहीं बोलूंगा। यह मेरे जीवन का पहला भाषण था जो मैंने ऐंग्लो वर्नाकुलर मिडल (एवीएम) स्कूल में दिया था।'वाजपेयी का 1934 में एवीएम स्कूल में ऐडमिशन हुआ था। उनके पिता हेड मास्टर थे। वह उस घटना को कभी नहीं भूले जब उन्हें ब्रिटिशर्स द्वारा भारत में विकसित की गई रेलवे लाइन के बारे में बोलना था।

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