हर साल बढ़ता जा रहा है वीटा का मुनाफा।

हर साल बढ़ता जा रहा है वीटा का मुनाफा।

वीटा मिल्क प्लांट का मुनाफा हर साल बढ़ता जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ किसानों को नुकसान हो रहा है। किसानों को गर्मियों में दूध पर 5रुपए प्रति लीटर के हिसाब से मिलने वाला बोनस अब तक नहीं मिला है।

वहीं दुग्ध समितियों ने करीब डेढ़ रुपए प्रति फैट तक खरीद रेट कम कर दिए हैं। किसानों के रेट कम करने के बावजूद वीटा ने उपभोक्ता को बेचे जाने वाले दूध के रेट में कोई कमी नहीं की है। जिससे केवल दुग्ध समितियों का ही मुनाफा बढ़ता जा रहा है। हरियाणा में अम्बाला, जींद, सिरसा, बल्लभगढ़, रोहतक और कुरुक्षेत्र में मिल्क प्लांट हैं जिनसे 3400मिल्क सोसायटी जुड़ी हैं। इनकी रोजाना 6लाख 45हजार लीटर दूध प्रिक्योर करने की क्षमता है। जिनके माध्यम से हाल में प्रतिदिन करीब 5लाख लीटर दूध आ रहा है। किसानों को मिलने वाला बोनस रुकने और 1.5रुपए प्रति फैट रेट में कमी आने से किसानों को पिछले वर्ष की तुलना में प्रति लीटर करीब 9रुपए का नुकसान हो रहा है। यानी प्रतिदिन 45लाख रुपए का नुकसान किसानों को सहन करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ दुग्ध समितियों को साल 2016में करीब 20करोड़ और 2017में करीब 42करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। साल 2018का जो समय अब तक बीता है इसमें भी मुनाफे में चल रही हैं। इसके बावजूद किसानों के रेट में कटौती की गई है।

 

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