राफेल डील पर मोदी सरकार की घेराबंदी।

राफेल डील पर मोदी सरकार की घेराबंदी।

विपक्षी पार्टियां राफेल के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। शुक्रवार को मॉनसून सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट और आम आदमी पार्टी ने संसद के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया।

इस धरने में विपक्षी सांसदों को यूपीए की चेयरपर्सन और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का भी साथ मिला। राज्यसभा के भीतर भी विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर जांच की मांग की।राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पूरी सरकार पर आरोप लगाए। इस दौरान सरकार की ओर से विजय गोयल ने उन्हें जवाब दिया। विजय गोयल ने कहा कि संसद कानून बनाने के लिए है न कि बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाने के लिए। उन्होंने कहा कि आप प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगाएं, यह ठीक नहीं है। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। आजाद ने कहा विपक्ष को एक बार भी मौका नहीं मिला है और हम चाहते हैं राफेल डील पर चर्चा हो, हमने इसपर नोटिस भी दिया है। आजाद ने कहा कि राफेल विश्व का सबसे बड़ा घोटाला है और इसपर जेपीसी बननी ही चाहिए।आपको बता दें कि कांग्रेस राफेल डील को लेकर लंबे समय से मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही है। सड़क से लेकर संसद तक और प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर सोशल मीडिया तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके नेता मोदी सरकार पर राफेल डील में घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार ने जिस विमान की डील की थी, उसी विमान को मोदी सरकार तीन गुना कीमत में खरीद रही है।

 

 

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