टीबी के कारण टीचरों ने छात्रा को नहीं दी क्लास में एंट्री।

टीबी के कारण टीचरों ने छात्रा को नहीं दी क्लास में एंट्री।

हर रोज वह अपनी स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर क्लास पहुंचती हैं। आखिरी क्लास होने तक बाहर खड़ी रहती हैं और फिर घर लौट जाती है।
कई महीनों से पश्चिम बंगाल के हुगली में 9वीं कक्षा की छात्रा तनुजा खातून ऐसा ही कर रही हैं। 
हुगली जिले के चंडीताला में बरिझाती गर्ल्स हाई स्कूल तनुजा नाम की छात्रा को कक्षा में प्रवेश ना देने की वजह से चर्चा में बना हुआ है। छात्रा के परिजनों ने इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय बीडीओ और चंडीताला चाइल्ड लाइन को-ऑर्डिनेटर से की। बता दें कि 14 वर्षीय तनुजा अपने पिता के साथ रहती हैं। उनकी मां का हाल ही में निधन हो गया था। वह जनवरी महीने में जब स्कूल गईं तो उन्हें टीचर ने यह कहकर भगा दिया कि तनुजा को खांसी की शिकायत है। तनुजा को शिक्षक स्कूल के हेड के पास लेकर पहुंचे, जहां पर उन्होंने कहा कि इस छात्रा को टीबी है और जब तक डॉक्टरों द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया जाता तब तक उन्हें स्कूल नहीं आना चाहिए। 
ठीक होने पर भी नहीं दी इजाजत 
इस पूरे मामले के बाद तनुजा चंडीताला स्थित अस्पताल गईं। जल्द ही उन्हें डॉक्टर डोला दास द्वारा दी गई दवाओं से आराम मिल गया। यही नहीं, डॉक्टर ने ट्यूबकुलॉसिस खत्म हो जाने की पुष्टि भी की। छात्रा ने डॉक्टर द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र स्कूल में दिया लेकिन फिर भी स्कूल के लोगों ने उन्हें क्लास में जाने की इजाजत नहीं दी। 
9वीं कक्षा की छात्रा तनुजा को इस बात का डर है कि कहीं उनकी 10वीं कक्षा की परीक्षाएं भी इस वजह से प्रभावित ना हों। उनके पिता, जो कि एक रिक्शाचालक हैं, वह कहते हैं, 'तनुजा की फीस कन्याश्री धन योजना के तहत भरी गई है। यदि उन्हें इस बार स्कूल जाने की अनुमति नहीं मिलती है तो पैसा बर्बाद हो जाएगा।

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