रोटोमैक ने की 3700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी।

रोटोमैक ने की 3700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी।

रोटोमैक कंपनी के प्रमोटार विक्रम कोठारी ने 2008 से 2013 के बीच पब्लिक सेक्टर के बैंकों की मदद ली। इस दौरान कोठारी ने अपने विदेशी खरीदारों और सप्लायर्स को पेमेंट करने के लिए फॉरन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) का सहारा लिया।
मध्यस्थ व्यापार और पैन की मैन्युफैक्चरिंग में लगी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 2008 से 2013 के बीच नियमित रूप से 15 करोड़ रुपये से 200 करोड़ रुपये की क्रेडिट रैंगिंग के लिए 7 बैंकों को अप्रोच किया। इनमें कानपुर के द मॉल स्थित बैंक ऑफ बरौदा की इंटरनैशनल बिजनस ब्रांच भी शामिल है।
इसके बाद पैसे का इस्तेमाल बायर्स और सप्लायर्स का बकाया चुकाने की जगह, पैसे को रोटोमैक और उसकी साहयक कंपनियों में घुमा दिया गया। उदाहरण के लिए आरटीजीएस के माध्यम से कंपनी के अन्य खातों में 4.4 करोड़ डॉलर के निर्यात आदेश को निष्पादित करने के लिए रोटोमैक के चालू खातों में 15.50 करोड़ रुपये पैकिंग क्रेडिट के रूप में डाले गए। इसी तरह, बीओबी ने सिंगापुर की स्टारकॉम रिसोर्सेज पीटीई से 15,700 टन गेहूं की आपूर्ति के लिए निर्यात आदेश के लिए लगभग 34 करोड़ का पैकिंग क्रेडिट दिया। इस पैसे को बारगाड़िया ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में भेज दिया गया था। सीबीआई की एफआईआर में दावा किया गया है कि इसके तुरंत बाद बारगाड़िया की तरफ से रोटोमैक को 16 करोड़ रुपये दिए गए। बैंक ऑफ बरौदा ने सीबीआई की दी अपनी शिकायत में कहा है, 'इससे साफ हो जाता है कि कोई भी निर्यात नहीं किया गया था और सेंक्शन किए गए पैकिंग क्रेडिट का दुर्पयोग किया गया।' 
 
बैंक ऑफ बरौदा ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने अपने दस्तावेज जमा करते समय पैकिंग लिस्ट अटैच नहीं की, सामान की इंश्योरेंस कॉपी, सामान कहां से आ रहा है इसका सर्टिफिकेट या थर्ड पार्टी द्वारा किया इंस्पेक्शन सर्टिफिकेट भी नहीं दिया। जब बैंक के अधिकारियों ने रोटोमैक के विदेशी सप्लायर्स और बायर्स का दौरा किया तो पता चला कि एक्सपोर्ट इम्पोर्ट का व्यापार फर्जी कंपनियों के जरिए चल रहा था। ल्लेखनीय है कि सीबीआई पिछले करीब 36 घंटों से कोठारी के ठिकानों की तलाशी कर रही है। कुछ देर पहले कोठारी के बंगले दो महिलाओं को सीबीआई अपने साथ ले गई थी। सूत्रों के अनुसार उनमे एक कोठारी की पत्नी साधना थीं। कहा जा रहा है कि सीबीआई साधना को लेकर बैंक गई थी जहां उसने बैंक लॉकर चेक किया। 
 
छापों में सीबीआई को कोठारी के ऑफिस से एक बैग मिला है। बताया जा रहा है कि इसमें काफी दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने उसे जब्त कर लिया है। इस बीच एक शख्स की गिरफ्तारी की भी अपुष्ट खबरें हैं। कोठारी मामले में सीबीआई ने कानपुर के एक नामी बिल्डर के ऑफिस की भी तलाशी की है। सीबीआई ने शहर से बाहर गए बिल्डर को तुरंत कानपुर वापस बुलाया है। 
 

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