पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार को HC में चुनौती।

पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार को HC में चुनौती।

हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार संबंधी मामले में पंजाब सरकार, सभी नए 9 मंत्रियों और केंद्र सरकार से जवाब तलब कर लिया गया है।

याचिका ठीक उसी दिन हाई कोर्ट में दायर हुई थी जिस दिन पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। विस्तार में 9 नए मंत्री शामिल किए गए थे। सोमवार को इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की तरफ से संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिए गए। याचिका एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी की तरफ से दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद-164 में किए गए संशोधन के तहत किसी भी राज्य की सरकार में कुल विधायकों के 15 फीसदी से ज्यादा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जा सकता है। यह प्रावधान देश के सभी राज्यों में लागू है।

पंजाब सरकार में पहले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मिलाकर 9 मंत्री पहले ही हैं और अब 9 और मंत्रियों को शामिल करने के बाद पंजाब के मंत्रिमंडल में अब 18 मंत्री हो गए हैं। संविधान के 91 वह संशोधन के तहत अगर देखा जाए तो संख्या 15 फीसदी से अधिक हो जाती है। याचिकाकर्ता के अनुसार पंजाब विधानसभा में कुल 117 विधायक हैं। ऐसे में इसका 15 फीसदी 17 होता है जबकि सरकार ने एक मंत्री की अधिक नियुक्ति कर संविधान के इस संशोधन का उलंघन किया है, लिहाजा इसके खिलाफ अब हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। गौरतलब है कि एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने हरियाणा के मंत्रिमंडल में भी तय संख्या से अधिक मंत्रियों को शामिल किए जाने को भी हाई कोर्ट में पहले ही चुनौती दी हुई है। यह जनहित याचिका फिलहाल विचाराधीन है।

 

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