फिर पड़ी जनता को महंगाई की मार,आसमान पर पहुंचे टमाटर और प्याज के दाम।

फिर पड़ी जनता को महंगाई की मार,आसमान पर पहुंचे टमाटर और प्याज के दाम।

सर्दियों में भी सब्जी के भाव कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार बढ़ रही महंगाई के चलते आम लोगों की थाली से प्याज, टमाटर और हरी सब्जियां दूर होती जा रही हैं। इससे हर व्यक्ति काफी परेशान है। बारिश ना होने से किसानों के खेतों में उगने वाली नकदी फसलें भी बिना पानी के खराब हो रही है। दूसरी तरफ बाजार में गोभी, प्याज, गाजर, मटर, टमाटर आदि सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में ये सब्जियां दिन-प्रतिदिन आम लोगों की खरीद से परे होती जा रही हैं। बाजार में सब्जियों की कीमतें आसमान पर हैं,, प्याज और टमाटर ने तो जान ही निकाल रखी है। एक तरफ जहां टमाटर 60 से 70 रूपए प्रतिकिलो बिक रहा है वहीं प्याज ने तो रूला ही रखा है। प्याज मंडियों में 70 रूपए बिक रहा है। गोभी 30से 40, मटर 80से 100रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। 

हालात ऐसे हैं कि खुद सब्जी विक्रेता परेशान है। सालों से सब्जी का काम करने वाले व्यापारियों की माने तो इससे पहले उन्होने ऐसा दौर नहीं देखा। धंधा बिल्कुल ठप हो गया है। महंगाई से जहां लोगों की थाली से सब्जियां गायब हुई है। वहीं सब्जी विक्रेताओं का तो निवाला ही छिन गया है। 

भाव इतने आसमान पर ही लोग खरीद ही नहीं रहे हैं। खरीदे भी कैसे। इनकम में तो कोई बढोत्ती हुई नहीं है,, लेकिन महंगाई की रफ्तार सांसों से भी तेज रही है। ऐसे में रेहड़ी वाले भी बेबस,लाचार है। सब्जी बिक नहीं रही है,करे तो भी क्या करे।

दालों की कीमतें पहले ही आसमान पर हैं।अब हरी सब्जियां पकड़ और पहुंच दोनों से बाहर हो गई है। बताया जा रहा है कि शादियों का सीजन है शायद उस वजह से महंगाई ज्यादा है। अगर ऐसा है तो हाल फिलहाल में महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है। साल में दो बार देश में टमाटर का उत्पादन होता है। टमाटर की एक फसल फरवरी के आसपास बोई जाती है, वहीं दूसरी फसल अगस्त तक बोई जाती है, जो नवंबर में तैयार होती है। इससे साफ है कि जब तक टमाटर की जाड़े की फसल बाजार में नहीं आएगी, टमाटर महंगा होता रहेगा। कुछ ऐसा ही हाल प्याज का है।जबतक नया प्याज मंडियों में नहीं आएगा तब तक इसके भाव कम होने के आसार बहुत कम है। 

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