अब 'रूखी-सूखी' नहीं, मलाई चाप, छोले भटूरे भी खा रहे हैं तिहाड़ के कैदी।

अब 'रूखी-सूखी' नहीं, मलाई चाप, छोले भटूरे भी खा रहे हैं तिहाड़ के कैदी।

अगर आप सोचते हैं कि जेल में कैदियों को रूखा-सूखा खाना ही मिलता होगा तो आप गलत हैं। कैदियों की मांग पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने अब पाव-भाजी, बेड़मी पूड़ी, मलाई चाप और छोले-भटूरे जैसा स्वादिष्ट खाना भी मुहैया कराना शुरू कर दिया है।

जेल अधिकारियों का कहना है कि कई बार हमारे पास शिकायतें आती थीं  जिनमें कुछ कैदी कहते थे कि जेल में ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में जो खाना दिया जाता है, वह स्वादिष्ट नहीं होता। हम कैदियों को जो खाना देते हैं, वह तमाम मानकों पर खरा उतरने वाला होता है। कैदियों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जाता है लेकिन कैदियों की इस मांग पर काफी विचार-विमर्श के बाद नए साल से खाने में कुछ नई चीजें शामिल की गई हैं।

अधिकारियों के मुताबिक अब जेल के लंगर में दलिया, खिचड़ी, पोहा और चिड़वा के अलावा मलाई चाप, पाव-भाजी, छोले-भटूरे, आलू की सब्जी के साथ बेड़मी पूड़ी और अन्य तमाम तरह के लजीज व्यंजन बनाने भी शुरू किए गए हैं। कैदियों को हफ्ते में दो बार खीर भी दी जाती है। कई बार खीर में किशमिश और गोला भी डाला जाता है। जेल प्रशासन का कहना है कि ठंड के मौसम में इन गर्मागरम स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेकर कैदी बहुत खुश हैं। हालांकि कुछ कैदी बहुत कम खाते हैं। ऐसे में एक डर यह भी है कि कहीं जेल में कैदियों को परोसा जाने वाला खाना बर्बाद न होने लगे।

तमाम जेल सुपरिटेंडेंट्स से कैदियों को दिए जाने वाले खाने का वीकली मेन्यू बनाने को भी कहा गया हैजिससे कैदियों को यह पहले से पता रहेगा कि उन्हें खाने में क्या-क्या मिलेगा।

ब्रेकफस्ट के नाम पर कैदियों को पहले चाय और दो बिस्कुट मिलते थे लेकिन अब नाश्ते में कुछ ठोस भोजन भी दिया जाएगा ताकि जिन कैदियों को ज्यादा भूख लगती हैवे भूखे ना रहें।

कैदियों को दिए जाने वाले खाने में नए साल से 200ग्राम आटे से बने खाद्य पदार्थ और जोड़ दिए गए हैं। इससे कैदियों को तीनों टाइम भरपेट भोजन मिल सकेगा।

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