अच्छे दिन होते नहीं, यह मानने पर है- नितिन गडकरी

अच्छे दिन होते नहीं, यह मानने पर है- नितिन गडकरी

केन्द्र की मोदी सरकार में सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि अच्छे दिन होते ही नहीं हैं, यह तो मानने पर है।
गडकरी ने ये भी कहा कि एक बार इसी बात पर मीडिया ने उन्हें फंसा दिया था। दरअसल पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी से पूछा कि क्या आप लोग 2019 में लोगों के पास जाएंगे और कहेंगे कि अच्छे दिन आ गए? इसका जवाब देते हुए गडकरी ने ये बातें कहीं। गडकरी ने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि जो नगरसेवक होता है, वो दुखी इसलिए होता है कि वह एमएलए नहीं बना? जो एमएलए होता है, वो ये सोचता है कि वह मंत्री क्यों नहीं बना? वहीं जो मंत्री होता है, वो ये सोचता है कि उसे पसंद का विभाग क्यों नहीं मिला? इस तरह अच्छे दिन किसी के नहीं आते।
 
गडकरी ने कहा कि अच्छे दिन मानने पर होते हैं। अच्छे दिन का मतलब रोटी, कपड़ा और मकान। सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए गडकरी ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री आवास योजना में सरकार लाखों गरीबों के लिए मकान बना रही है और ये मकान जिन गरीबों के मिल रहे हैं, क्या ये उनके अच्छे दिन नहीं हैं?
 
क्या एक करोड़ 88 लाख हेक्टेयर जमीन पानी के नीचे आ रही है और पाइपलाइन से डीप एरिगेशन करके हम किसान के खेत को पानी पहुंचा रहे हैं, क्या ये अच्छे दिन नहीं है? नितिन गडकरी ने बताया कि मुंबई में ताइवान की एक कंपनी 6000 करोड़ का इन्वेस्ट कर रही है और 40000 लोगों को जॉब देगी और ऐसे सरकार करीब 48 कंपनियों को प्लॉट दे रही है, तो इससे बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होंगे। क्या ये अच्छे दिन नहीं है? सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि विकास हो रहा है, ये जानने के लिए आपको हर चीज के डिटेल में जाना पड़ेगा।

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