मनोहर सरकार ने आंदोलनरत लगभग 10 हजार एनएचएम कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। बीते सप्ताह से सेवा नियम बनाने को लेकर ये कर्मी धरनारत हैं। नोटिस जारी करने के बावजूद अनुबंध कर्मियों के ड्यूटी पर न लौटने से सरकार ने कड़ी कार्रवाई की। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों में 8 दिसम्बर को सीएमओ ने हड़ताली कर्मियों को 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर लौटने के नोटिस थमाने शुरू किये थे। बावजूद इसके कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आए। 9 दिसम्बर को हरियाणा एनएचएम कर्मचारी संघ संबंधित भारतीय मजदूर संघ की सरकार से बातचीत बेनतीजा रही। 10 दिसम्बर को एनएचएम निदेशक अमनीत पी. कुमार से दोबारा बातचीत होनी थी, लेकिन कर्मियों के रुख में कोई बदलाव न आने पर इसे स्थगित कर दिया गया। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वे मंगलवार को आगे की रणनीति का एलान करेंगे। सीएमओ ने 10 दिसम्बर शाम से बर्खास्तगी के पत्र जारी करना शुरू कर दिए। मिशन की निदेशक अमनीत पी. कुमार ने इसकी पुष्टि की है। मिशन निदेशक ने बताया कि जिलों में सीएमओ ने आंदोलनरत कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चूंकि, प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं, इससे होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को सरकार सहन नहीं कर सकती। कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कई जगह एंबुलेंस चालक नहीं हैं, तो कहीं डिलीवरी के लिए एएनएम नहीं हैं। ऐसे में सरकार कोई रिस्क नहीं ले सकती। उन्होंने कहा कि अब भी अनुरोध है कि कर्मचारी ड्यूटी पर लौट आएं। अन्यथा, जल्दी नई भर्ती की जाएगी।
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