स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने देशवासियों को किया संबोधित।

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने देशवासियों को किया संबोधित।

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूरे देश को संबोधित किया और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने जहां स्वाधीनता की परिभाषा का दायरा बढ़ाते हुए हर भारतीय से स्वाधीनता सेनानी की तरह देश के लिए काम करने का आह्वान किया, वहीं किसानों, जवानों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा चुनौतियों से जूझते हुए देश की रक्षा के प्रति समर्पण की सराहना की और युवाओं से शिक्षा का सही उद्देश्य समझने को कहा। राष्ट्रपति ने देश को संदेश दिया की एकजुट होकर हम सभी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। स्वाधीनता दिवस के 72वें वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि हिंसा की अपेक्षा, अहिंसा की शक्ति कहीं अधिक है। प्रहार करने की अपेक्षा, संयम बरतना, कहीं अधिक सराहनीय है और हमारे समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने अहिंसा का यह अमोघ अस्त्र हमें प्रदान किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने केवल हमारे स्वाधीनता संग्राम का नेतृत्व ही नहीं किया था, बल्‍कि वह हमारे नैतिक पथ-प्रदर्शक भी थे, और सदैव रहेंगे। उन्होंने कहा हमें गांधीजी के विचारों की गहराई को समझना होगा। उन्हें राजनीति और स्वाधीनता की सीमित परिभाषाएं, मंजूर नहीं थीं।

Leave a comment