पूर्वोत्तर में 'मोदी मैजिक'

पूर्वोत्तर में 'मोदी मैजिक'

देश में 'मोदी लहर' बरकरार हैत्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय विधानसभा चुनावों के रुझान तो इस ओर ही संकेत कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि तीनों पूर्वोत्तजर राज्योंर में सरकार बनाएगी।

रूझानों में साफ नजर आ रहा है कि त्रिपुरा में लेफ्ट का किला ढहने जा रहा है। माणिक सरकार अब 'सरकार' से बाहर जाते नजर आ रहे हैं। इधर नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाने के समीकरण भाजपा के पक्ष में ही नजर आ रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने तो जश्नघ मनाना भी शुरू कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती नजर आ रही है। भाजपा का कांग्रेस मुक्तभारत का सपना धीरे-धीरे हकीकत में तबदील होता नजर आ रहा है।त्रिपुरा में लगभग 35साल में पहली बार भाजपा को में इतनी बड़ी कामयाबी मिली है।

25साल से लगातार सत्ता में रहा लेफ्ट यहां कमजोर हुआ है। रुझानों में भाजपा गठबंधन 40से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। दरअसल, त्रिपुरा में इस बार की सियासी लड़ाई पूरी तरह माकपा और भाजपा के बीच है। कांग्रेस फ्रेम में कहीं भी नजर नहीं आ रही थी। हालांकि त्रिपुरा में भी कांग्रेस के सामने अस्तित्व बचाने की लड़ाई है। 2013के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दस सीटों और 36फीसदी मतों के साथ दूसरे स्थान पर थी। लेकिन कई बार विभाजन के बाद पार्टी का सियासी भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। कांग्रेस से जीते 7विधायक भाजपा में शामिल होकर इस बार कमल के फूल को खिलाने में जुटे हैं। भाजपा ने 2013चुनावों के 2फीसद वोट शेयर को बढ़ाकर 2014में 6फीसदी कर लिया था। त्रिपुरा भले ही छोटा राज्य है लेकिन भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। त्रिपुरा की जीत न सिर्फ चुनावी जीत होगी बल्कि यह वैचारिक जीत भी साबित होगी।

 

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