भारत-चीन सैनिक मरने वालो और घायल होने वालो को विशेष पेंशन

भारत-चीन सैनिक मरने वालो और घायल होने वालो को विशेष पेंशन

डोकलाम गतिरोध के आठ महीने बाद सरकार ने ‘विशेष’ पेंशन योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें चीन-भारत सीमा की रक्षा के दौरान अपनी जान गंवाने वाले या घायल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को शामिल कर लिया है।
लेकिन पूर्व के प्रभाव से लागू करने की सेना की पुरानी मांग को स्वीकार नहीं किया है। उदार पारिवारिक पेंशन पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए ही लागू होती थी। इस पेंशन के तहत अंतिम वेतन का 100 फीसदी दिया जाता है। सामान्य परिस्थितियों में अंतिम वेतन का सिर्फ 30 फीसदी हिस्सा ही पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलता है। रक्षा मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक पारिवारिक पेंशन योजना सात मार्च से लागू होगी। साथ ही कहा गया है कि अधिसूचना जारी होने के पहले निपटाए गए मामलों को फिर से खोला नहीं जाएगा।
 
 
 
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने चीन के साथ तकरीबन 4,000 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा करने वाले कर्मियों को उदार पारिवारिक पेंशन का लाभ प्रदान करने के लिए 20 दिसंबर को सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना पूर्व के प्रभाव से, कम से कम पिछले साल जून से इसे लागू करने पर जोर दे रही थी जब भारतीय और चीनी सेना के बीच डोकलाम में गतिरोध हुआ था। उन्होंने कहा कि यह विशेष पारिवारिक पेंशन है और सशस्त्र बल मांग कर रहे थे कि चीन के साथ लगी सीमा की रक्षा करने वालों को इसमें शामिल किया जाए।

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